प्रेरणा का स्रोत है विक्टोरिया क्रास गबर सिंह नेगी का जीवनः कुलपति ध्यानी
चंबा। शहीद है विक्टोरिया क्रास गबर सिंह नेगी का जीवन प्रत्येक उत्तराखंडी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी यादों को चिरस्थायी बनाए जाने की जरूरत है। उनकी याद में लगने वाले मेले को राजकीय मेला घोषित किया जाना चाहिए।
ये कहना है श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीपी ध्यानी का। प्रो. ध्यानी रविवार को तीन दिवसीय वीसी गबर सिंह मेले के समापन के मौके पर बोल रहे थे। कुलपति ने विश्वविद्यालय परिसर में उनकी प्रतिमा पर मल्यार्पण किया और श्रद्वांजली अर्पित की।
समापन कार्यक्रम में कुलपति प्रो. ध्यानी ने कहा कि हीरो आफ न्यू शैफल (फ्रांस) के नाम से विश्व विख्यात वीर सपूत और सबसे कम उम्र में विक्टोरिया क्रास से सम्मानित होने वाले, चम्बा की धरती में जन्मे वीर सपूत, शहीद वीसी गबर सिंह नेगी के जीवन दर्शन हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है।
कहा कि हमारे राज्य उत्तराखण्ड की पावन धरती में अनके वीर सैनिकों, देषभक्तों और क्रान्तिकारियों ने जन्म लिया और हमारे देश का गरिमामयी इतिहास भी उत्तराखण्ड की इन अद्भूत और विलक्षण विभूतियों के शौर्य और बलिदान की गौरव गाथाओं से भरा पड़ा है।
उन्होंने इस पर बात चिंता व्यक्त की कि शहीद वीसी गबर सिंह नेगी की जन्म स्थली मंज्यूड गांव, चम्बा की कोई भी सुध नही ले रहा है और न ही कोई उनके नाम को और चिर स्थाई बनाने हेतु गम्भीरता से प्रयास कर रहा है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि शहीद वीसी गबर सिंह नेगी की जन्म स्थली ’मंज्यूड गांव’ में सडक निर्माण होना चाहिए।मंज्यूड गांव में उनके पैत्रिक घर को सुरक्षित कर संग्रहालय बनाना चाहिए। जनप्रतिनिधियों/सामाजिक संगठनों को ’मंज्यूड गांव’ को विकासात्मक कार्यो हेतु गोद लेना चाहिए। चम्बा में वर्षो से आयोजित शहीद वीसी गबर सिंह नेगी मेले को ’राजकीय मेला’ घोषित होना चाहिए।चम्बा में बनायी गयी सुरंग का नाम शहीद गबर सिंह नेगी के नाम पर होना चाहिए।
शहीद वीसी गबर सिंह नेगी मेले की अवधि में सेना की भर्ती रैली आयोजित की जानी चाहिए। शहीद वीसी गबर सिंह नेगी के नाम पर मिलिट्री स्कूलों की स्थापना होनी चाहिए।शहीद वीसी गबर सिंह नेगी के नाम पर मिलिट्री विश्वविद्यालय की स्थापना होनी चाहिए।
कुलपति डा0 पीताम्बर ध्यानी ने अवगत कराया कि श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति का दायित्व सम्भालने के बाद उन्होने विष्वविद्यालय मुख्यालय में स्थित सेमीनार हाल का नाम ’शहीद गबर सिंह नेगी’ के नाम रखा, ’शहीद वीसी गबर सिंह नेगी स्मृति व्याख्यान’ की शुरूवात की और शहीद वीसी गबर सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व को और चीर स्थाई बनाने के लिये विष्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में उनके जीवन दर्शन को सम्मिलित किया जिससे आज विश्वविद्यालय के छात्र और छात्राओं को प्रेरणा मिल रही है और वे गौरवान्वित हो रहे हैं। डा0 ध्यानी ने कहा कि ऐसे निर्णय लेकर उन्हे आज आत्म संतुष्टि हो रही है।