विश्वविद्यालय का ये फरमान क्या कहलाता है
प्रश्न पत्र न खोला जाए
तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय प्रश्न पत्र न खोला जाए का फरमान आखिर क्या कहलाता है। इसको लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं।
इन दिनों श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में एनईपी पाठयक्रम के मुताबिक प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं चल रही हैं। नौ अप्रैल को एका एक परीक्षा को लेकर तमाम कानाफूसी हो रही है। 10 अप्रैल को विश्वविद्यालय ने सभी परीक्षा केंद्रों को एक फरमान जारी किया।
इस फरमान में 11 अप्रैल को होने वाली एनईपीसी-101 हिन्दी- प्राचीन एवं भक्तिकालीन काव्य के भेजे गए प्रश्न पत्र का न खोलने की बात कही गई है। इसके अलावा 27 अप्रैल को होने वाली एनईपीसी-183 बीकॉम के प्रश्न पत्र को भी न खोलने का फरमान जारी किया गया है।
खास बात ये है कि पूर्व में भेजे गए प्रश्न पत्र को न खेलने की बात के साथ दावा किया गया है कि परीक्षा नियत तिथि और समय के मुताबिक होगी। इससे परीक्षा केंद्रों में ऊहापोह की स्थिति है। सवाल उठ रहा है कि क्या पेपर आउट हो गया।
इसको लेकर नौ अप्रैल से खूब कानाफूसी हो रही है। ये बात अलग है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ऐसी किसी बात से होने से सोमवार को इनकार करता रहा। बहरहाल, इसको लेकर जितने मंुह उतनी बातें हो रही हैं। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन की क्षमताओं पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
प्रश्न पत्र न खोलने के फरमान जारी करने के पीछे क्या वजह हो सकती है। क्या पेपर किसी कॉलेज में पहले ही खुल गया। या फिर कोई अन्य तकनीकी वजह। इस संबंध में विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रो. वीपी श्रीवास्तव ने माना किए एक कॉलेज में उक्त प्रश्न पत्र गलती से खुल गए थे। ऐसे में अन्य कॉलेजों को भेजे गए प्रश्न पत्रों को न खोलने के निर्देश दिए गए।
बताया कि आज होने वाले प्रश्न पत्र को नए सिरे से तैयार कर परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाया दिया गया है।