शिक्षा विभाग में दो हजार से अधिक तबादले, समझें कैसे-कैसे हुए
देहरादून। मौसमी और बेमौसमी तबादलों को मिलाकर अभी तक शिक्षा विभाग में दो हजार से अधिक शिक्षक/कार्मिक और अधिकारियों के तबादले हो चुके हैं।इसमें प्रमोशन, समायोजन और छात्र संख्या के आधार पर स्थान परिवर्तन शामिल है।
कार्मिक संख्या के लिहाज से राज्य के सबसे बड़े विभाग शिक्षा विभाग की साल की शुरूआत तबादलों के साथ हुई। चुनाव में उतरने से पहले सरकार ने शिक्षकों के जमकर तबादले किए। बेमौसमी इन तबादलों पर तब लगे किंतु-परंतु को सरकार बनते ही हटा दिया गया।
इसके बाद अप्रैल से जुलाई तक लिपिकीय वर्ग के जमकर प्रमोशन हुए। इसमें अधिकांश कार्मिकों का स्थान परिवर्तन हुआ। इस बीच, प्रारंभिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा के निदेशक भी बदले गए। कई जिलों के सीईओ भी इधर उधर किए गए।
इसके अलावा बड़ी संख्या में डिप्टी ईओ को प्रमोट कर बीईओ बनाया गया। यानि स्थान परिवर्तन किया गया। कई जिलों में प्राथमिक शिक्षकों के प्रमोशन हुए। यानि स्थान परिवर्तन हुआ। करीब दो माह से माध्यमिक शिक्षा में एलटी का सरप्लस का राड़ा समाप्त किया जा रहा है।
इसमें बड़ी संख्या में शिक्षक इधर-उधर हुए। शून्य छात्र संख्या वाले स्कूलों से संबंधित विषय के प्रवक्ता हटाए गए। हाई स्कूल के हेडमास्टर्स को इंटर कॉलेज का जिम्मा सौंपने की तैयारी है। करीब दो-तीन सौ तबादले इसके तहत भी संभव हैं।
कुल मिलाकर पिछले छह माह में शिक्षा विभाग प्रमोशन, समायोजन आदि आदि के नाम पर दो हजार से अधिक शिक्षक/कार्मिकों के तबादले कर चुका है।
इसके अलावा लिपिकीय वर्ग के अनिवार्य स्थानांतरण भी हो चुके हैं। अब आज कल में शिक्षकों के अनिवार्य स्थानांतरण संभव है। यानि पिछले छह माह से विभाग बेमौसमी और मौसमी तबादलों में उलझा हुआ है। इससे सुगम-दुर्गम के स्कूलों और घरों का हैप्पीनेस इंडेक्स उपर नीचे हो रहा है।