कैबिनेट के निर्णय से शिक्षक हैरान और परेशान
देहरादून। अतिथि शिक्षकों की तैनाती वाले एलटी/प्रवक्ता के पदों को रिक्त न मानने के कैबिनेट के फैसले से शिक्षक हैरान और परेशान हैं। इसका हर स्तर पर प्रतिकार करने की तैयारी शुरू हो गई है। सोशल मीडिया में सरकार के निर्णय को शिक्षकों के साथ अन्याय बताया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि कैबिनेट ने फैसला किया है कि एलटी/प्रवक्ता के पदों पर तैनात अतिथि शिक्षकों के पदों को रिक्त नहीं माना जाएगा। सीधे शब्दों में कहें तो यहां नई नियुक्ति/प्रमोशन नहीं होगा। इससे वर्षों से एलटी में कार्यरत शिक्षकों को प्रवक्ता पद पर विषयगत लाभ मिलने की संभावना पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी।
राज्य के शिक्षक सरकार के इस फैसले से हैरान परेशान हैं। इसको लेकर विभिन्न स्तरों पर पूर्व में कोर्ट से हुए निर्णयों का हवाला देकर शिक्षक सरकार से फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
चुनावी साल में सरकार इस फैसले को वापस लेगी या नहीं देखने वाली बात होगी। राजकीय शिक्षक संघ की देहरादून जिला इकाई के अध्यक्ष सुभाष झल्डियाल ने सरकार से उक्त फैसले को वापस लेने की मांग की है।
झल्डियाल का कहना है कि ये वर्षों से सेवा दे रहे शिक्षकों के साथ अन्याय है। इसका हर स्तर पर प्रतिकार किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश भर के शिक्षक सोशल मीडिया में सरकार के निर्णय का विरोध कर रहे हैं।