प्रिंसिपल प्रो. अंजना श्रीवास्तव ने बदल दी गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज त्यूनी की सूरत
एक प्रिंसिपल ऐसा भी
उत्तराखंड देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है जहां 80 प्रतिशत से अधिक गवर्नमेंट डिग्री/पीजी कॉलेजों में प्रिंसिपल तैनात हैं। वहीं उन राज्यों में भी शामिल है जहां स्कूली शिक्षा में 80 प्रतिशत स्कूल बगैर प्रिंसिपल के हैं। कुछ प्रिंसिपल ने बेहतर काम, कुशल नेतृत्व से कॉलेज की तस्वीर बदल दी। ऐसे कॉलेजों और लीड कर रहे प्रिंसिपलों को हिन्दी न्यूज www.tirthchetna.com पोर्टल का सलाम।
आज से हम ऐसे स्कूल/ कॉलेजों के प्रिंसिपल पर एक प्रिंसिपल ऐसा भी नाम से साप्ताहिक कॉलम प्रकाशित कर रहे हैं। ये कॉलेज हिन्दी न्यूज पोर्टल www.tirthchetna.com के साथ ही रविवार को प्रकाशित होने वाले हिन्दी सप्ताहिक तीर्थ चेतना में भी प्रकाशित किया जाएगा।
त्यूनी। गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, त्यूनी में भवन से लेकर माहौल तक दूर-दूर तक नहीं लगता कि ये दुर्गम में स्थित कॉलेज है। ऐसा संभव हुआ कॉलेज की डायनामिक प्रिंसिपल प्रो. अंजना श्रीवास्तव के प्रयासों से।
जी हां, गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, त्यूनी दुर्गम क्षेत्र में उच्च शिक्षा का बेहतर प्रतिनिधित्व करता है। सिस्टम ने भवन से लेकर अन्य संसाधन मुहैया कराए तो प्रिंसिपल अंजना श्रीवास्तव ने इनको सहेजने और इसका बेहतर उपयोग करना सुनिश्चित किया।
2017 में बतौर प्रिंसिपल इस कॉलेज की कमान संभालते ही प्रो. अंजना श्रीवास्तव ने प्राथमिकताएं तय कर दी थी। उन्होंने ठान लिया था कि इस कॉलेज को उच्च शिक्षा के शिखर की ओर अग्रसर करेंगी। उनके प्रयासों से धीरे-धीरे बदलावों ने आकार लिया और आज कॉलेज की पूर्णतया कायापटल हो गई।
2006 से दो कमरों में तमाम अभावो में शुरू हुए कॉलेज का आज भव्य परिसर है। सभी आधारिक सुविधाएं परिसर में हैं। कला संकाय के साथ-साथ गत वर्ष से विज्ञान एवं इस सत्र से वाणिज्य संकाय की कक्षायें भी नियमित हो गई हैं।
प्राचार्य ने व्यक्तिगत रूचि सेकर कॉलेज के आवश्यक संशाधनो में वृद्धि के साथ-साथ समस्त एकेडमिक गतिविधियों का भी कुशलता से संचालन किया है, यथा विभिन्न विभागीय परिषद राष्ट्रीय सेवा योजना , रोवर्स रैंजर, क्रीड़ा परिषद, अभिभावक संघ, एल्यूमिनाई परिषदो की नियमित बैंठके एवं कार्यवाही से राजकीय महाविद्यालय त्यूनी दिन-रात प्रगति के पथपर अग्रसर है।
राजनीति विज्ञान की प्राध्यापक रही प्रो. अंजना श्रीवास्तव समाज और उसकी व्यवस्थाओं को अच्छे से समझती हैं। इसका लाभ उन्हें कॉलेज को सुव्यस्थित करने में मिला। कॉलेज की बेहतरी के लिए वो जनप्रतिनिधियों के साथ ही मीडिया को भी सहयोग लेने में सफल रही। उन्होंने बेहद कम समय में कॉलेज को अच्छे मुकाम तक पहुंचा दिया है।
प्रो. श्रीवास्तव बताती हैं कि ये टीम वर्क है। उनका प्रयास है कि कॉलेज के प्राध्यापक अपना शत प्रतिशत योगदान दें। ऐसा हो भी रहा है। प्राध्यापक टास्क पूरा करते हैं। कॉलेज में पढ़ाई का अच्छा माहौल है। मै इतने भर से संतुष्ट नहीं हुं। चाहती हूं कि कॉलेज पीजी स्तर को हो। स्थानीय युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए दूर न जाना पड़े।