गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज पावकी देवी में बिरसा मुंंडा की जयंती मनाई गई
ऋषिकेश। गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, पावकी देवी में आदिवासी चेतना के प्रतीक बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया गया।
यूजीसी के निर्देशों के क्रम में मंगलवार को गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, पावकी देवी में बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य मे आज़ादी का अमृत महोत्सव के तत्वाधान मे “जनजातीय गौरव दिवस” मनाया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय मे आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत इस समिति के संयोजक डा0 संजय कुमार द्वारा “बिरसा मुंडा तथा अन्य जनजातीय नायको का स्वतंत्रता संग्राम मे योगदान” विषय पर एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इस प्रतियोगिता मे कु0 जगपाती, कु0 सपना, कु0 अंजू, कु0 प्रियंका कु0 नेहा, कु0 सोनिका, कु0 अंजली ने भगवान बिरसा मुंडा, वीर नारायण सिंह, श्री अल्लूरी सीता राम राजू तथा रानी गाइदिनल्यू पैसे के स्वतंत्रता संग्राम मे अभूतपूर्व योगदान पर प्रकाश डाला।
छात्रों ने बताया कि रानी गाइदिन्ल्यू पैसे द्वरा 16 साल की उम्र में स्वतंत्रता अभियानों में भाग लेने के लिए ब्रिटिश सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। नेहरू द्वारा उनकी बहादुरी और योगदान को देखते हुए उन्हें रानी के नाम से पुकारा गया। वीर नारायण सिंह ने 1857 की क्रांति के दौरान उन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ आर्मी एकत्रित कर हमला किया लेकिन ब्रिटिश सेना उस समय ज्यादा ताकतवर साबित हुई और वीर नारायण सिंह को पकड़ लिया और 10 दिसंबर 1857 को उन्हें जमालपुर चौक पर फांसी की सजा दी गई।
प्राचार्या डा0 छाया चतुर्वेदी ने कहा कि भारत में कई आदिवासी समुदाय रहे हैं जिन्होंने अपने लोगों और अपने क्षेत्र को बचाने और अंग्रेजों को वहां से भगाने के लिए विद्रोह किया है। लेकिन इनके नाम गुमनामी में कहीं खो से गए है। जिन्हें याद किया जाना और आने वाली पीढ़ी के सामने रखना आवश्यक है। ये वो सेनानी थे जिन्होंने देश के लिए अपने आप को न्योछावर तक कर दिया है। उनका ये समर्पण भूला ही नहीं जा सकता। विद्रोह 1857 का हो या स्वतंत्रता आंदोलन 1946 का कई सेनानी इसके लिए सामने आए हैं। लड़ाई उत्तर भारत में भी हुई लड़ाई दक्षिण भारत में भी सभी ने मिल जुल कर आखिरकार भारत को आजाद बना ही दिया।
प्रतियोगिता मे जगपती ने प्रथम, अंजना ने द्वितीय तथा प्रियंका ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। भाषण प्रतियोगिता के साथ मनोरंजन हेतु छात्राओं द्वारा लोकनृत्य भी प्रस्तुत किये गये। इस अवसर पर डा0 ओमवीर,, डा0 तनु आर0 बाली, डा0 रेखा, राजेंद्र सिंह, विकास, सुभाष, निखिल आदि मौजूद थे।