रूस-यूक्रेन युद्धःशांति को परमार्थ निकेतन में विशेष प्रार्थना
विभिन्न देशों को नागरिकों ने की शिरकत
तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। रूस और यूक्रेन के के बीच हो रहे युद्ध और विनाश को शान्त करने के लिये आज विशेष हवन किया गया ताकि जन हानि न हो, समाज में शान्ति बनी रहे तथा वैश्विक शान्ति स्थापित की जा सके। इसमें विभिन्न देशों के नागरिकों ने शिरकत की।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच हो रहा युद्ध व विनाश न केवल उन राष्ट्रों के लिये बल्कि अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के लिये भी चिंतन का विषय है। यूक्रेन-रूस संघर्ष को जल्द सुलझाने की जरूरत है नहीं तो इससे वैश्विक व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि वैश्विक शांति, सद्भाव और समरसता स्थापित करने हेतु भारत ने सदैव अग्रणी भूमिका निभायी है। भारतीय संस्कृति के मूल में शांति एवं सद्भाव की विशेषतायें प्राचीन काल से ही रही है। भारत ने अहिंसा, शांति एवं मानवता का संदेश पूरे विश्व को दिया है क्योंकि “वसुधैव कुटुंबकम” की अवधारणा हमारे मूल में समाहित है।
भारत ने रचनात्मक तरीके से संपूर्ण विश्व को शांति का संदेश दिया। हमारे वेदों में, शास्त्रों में, सनातन संस्कृति में, स्वामी विवेकानंद जी और महात्मा गाँधी जी ने न सिर्फ भारतीय समाज को शान्ति और अहिंसा के लिये जागृत किया बल्कि उनके लिये पूरी दुनिया को प्रेरित भी किया।
स्वामी ने कहा कि हम 21 वीं सदी में जी रहे हैं और वर्तमान समय में वैश्विक शांति संपूर्ण विश्व की आवश्यकता है परन्तु यह एक दिन में संभव नहीं हो सकता इसके लिए संपूर्ण विश्व और जो सशक्त राष्ट्र है उन सभी को अपने निजी स्वार्थों से उपर उठकर सम्पूर्ण मानवता की रक्षा के लिये मिलकर कार्य करना होगा और हमें यह भी ध्यान में रखना होगा कि हम मानव हितों के साथ-साथ प्रकृति एवं पर्यवरण संरक्षण पर ध्यान दे।
स्वामी ने कहा कि समय आ गया कि संपूर्ण विश्व को मिलकर आपस में शांति एवं भाईचारे को कायम करने के लिये न केवल चिंतन बल्कि अब कार्य भी करना होगा ताकि वैश्विक शांति स्थापित करने की दिशा में नवीन पहल की शुरूआत की जा सके।