गवर्नमेंट पीजी कॉलेज उत्तरकाशी के जंतु विज्ञान विभाग में इंस्ट्रूमेंटेशन कार्यशाला

गवर्नमेंट पीजी कॉलेज उत्तरकाशी के जंतु विज्ञान विभाग में इंस्ट्रूमेंटेशन कार्यशाला
Spread the love

तीर्थ चेतना न्यूज

उत्तरकाशी। गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, उत्तरकाशी में जंतु विज्ञान विभाग में एक इंस्ट्रूमेंटेशन पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में विभाग के छात्र/छात्राओं को विभिन्न उपकरणें के उपयोग और कार्य प्रणाली के बारे में जानकारी दी गई।

सोमवार को ग्राफ़िक एरा विश्वविद्यालय के जैव प्रोद्योगिकी के प्रो. आशीष थपलियाल द्वारा छात्र-छात्राओं को विभिन्न उपकरणों की कार्य प्रणाली पर जानकारी दी। बताया कि उपकरण किस सिद्धांत पर काम करता है उसके उददेश्य पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने तमाम उपकरणों हैंडल करने के तौर तरीकों के बारे में भी छात्र/छात्राओं को जानकारी दी। इस मौके पर विभागाध्यक्ष प्रो० मधु नौटियाल थपलियाल ने बताया कि जंतु विज्ञान विभाग में उच्च स्तरीय उपकरण उपलब्ध हैं। पीजी स्तर पर यह अति आवश्यक है कि छात्र-छात्राओं को इन उपकरणों की पूर्ण जानकारी हो ताकि उनके आगे के करियर में उनको इसका लाभ मिल सके।

उन्होंने बताया कि विभाग में स्पेक्ट्रोफोटोमीटर, सेंट्रीफ्यूज, माइक्रोस्कोप (कैमरा सहित), एलिइसा रीडर, माइक्रोपीपेट, बी० ओ० डी० इन्क्यूबेटर, मिक्रोटोम आदि उपलब्ध हैं . उन्होंने कहा कि जब से कॉलेज की स्थापना हुई है उस वक्त के उपकरण भी यहाँ प्रयोगशाला में उपलब्ध हैं।

इससे आवश्यक हो जाता है कि आज छात्र-छात्राओं को यह जानकारी रहे कि आज वो जिस दुनिया में हैं, वे ये न समझें कि आविष्कार केवल अभी ही हुये हैं, उन्हें यह भी जानकारी होनी चाहिये कि ६० के दशक में, जब इस महा० वि० की स्थापना हुयी थी, उस समय के शिक्षक किस किस तरह के उपकरणों का इस्तेमाल करते थे तथा सीमित संसाधनों में भी बेहतर शिक्षा देते थे।
प्रो० मधु थपलियाल ने बताया की छात्र-छात्राओं के लिए कार्यशाला का आयोजन करने के लिये किसी बहुत बड़े बजट की आवश्यकता नहीं होती है। आवश्यकता होती है तो सिर्फ समर्पण की जो छात्र-छात्राओं को, सीमित संसाधनों के बाबजूद, आगे बढ़ाने को तत्पर रहते हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी विभाग, स्कूल या किसी भी स्तर पर हमारे पास जो भी उपलब्ध उपकरण हैं, उनका पूरा पूरा लाभ छात्र-छात्राओं को मिले।

प्रशिक्षण कार्यक्रम की समय-सारणी की योजना ऐसी बनाई गई थी ताकि प्रतिभागी विश्लेषणात्मक उपकरणों का उपयोग करके व्याख्यान और एक संक्षिप्त व्यावहारिक सत्र दोनों में भाग ले सकें। विभिन्न विश्लेषणात्मक प्रक्रियाओं के लिए नमूने की तैयारी और प्रयोगात्मक परिणामों की व्याख्या के लिए एक परिचय दोनों व्याख्यान सत्रों के दौरान कवर किए गए थे। छात्र-छात्राओं ने माइक्रोस्कोप पर सम्पल की फोटो भी खींची और उत्साहित हुय।

छात्र-छात्राओं ने स्पेक्ट्रोफोटोमीटर पर रीडिंग लेना, माइक्रो पिपेट से बहुत कम मात्रा में माप करने की बारीकियों को भी सीखा।
इस मौके पर कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. सविता गैरोला ने प्रो० आशीष थपलियाल का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने कॉलेज के छात्र-छात्राओं को हैंड्स ओंन ट्रेनिंग देकर उनके कौशल विकास (स्किल डेवलपमेंट) में बढ़ोतरी की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की ट्रेनिंग / कार्यशाला से निश्चित रूप से छात्र-छात्राओं द्वारा किताब में पढ़े गये सैद्धांतिक ज्ञान के साथ, कौशल विकास के लिए, प्रयोगशाला में प्रायोगिक ज्ञान भी अति आवशयक है।

उन्होंने जंतु विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो० मधु नौटियाल थपलियाल तथा सभी शिक्षकों/शिक्षिकाओं एवं सभी कर्मचारियों को बधाई दी। कार्यशाला में जंतु विज्ञान विषय के 31 स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया जिनमे पवित्रा, गीता, नेहा, आरती, शिवानी, रेशमा, अदिति, दीक्षा, ज्योतिका, निकिता, विकास, देवयानी, हरेन्द्र, तेजस्विता,प्रगति, अमीषा, अंशिका, प्रियंका, कल्पना, मनीषा, पूजा, प्रीती, रंजीता, नाजिश, मेघा, सुशिल, सचिन, तनिष तथा प्रयोगशाला सहायक राजवीर, राकेश, बलवंत, पुलमा उपस्थित रहे।

Tirth Chetna

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *