बाल अधिकारों के संरक्षण पर आयोग की पैनी निगाहः गीता खन्ना
देहरादून। राज्य के बच्चों के अधिकारों के संरक्षण पर आयोग की पैनी निगाह है। बच्चों की बेहतरी के लिए आयोग के स्तर पर कार्ययोजना एवं दृष्टि पत्र तैयार किया गया है।
ये कहना उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती गीता खन्ना का। मीडिया से बातचीत में उन्होंने आयोग द्वारा जनवरी से मार्च तक किए गए कार्य जैसे बैठक निरीक्षण व आयोग द्वारा आयोजनों में प्रतिभाग की विस्तृत जानकरी प्रदान की साथ में आयोग द्वारा आगामी कार्ययोजना एवम दृष्टी पत्र के बारे जानकारी दी।
बताया कि बच्चों की शिक्षा दीक्षा के साथ साथ उनके संपूर्ण विकास के लिए पूर्ण राज्य में उनके मनोरंजन, आत्म रक्षा एवम परामर्श की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी संवेदनशील मुद्दे जैसे कि नशा वृत्ति भिक्षावृत्ति बाल श्रम के क्षेत्र में रोकथाम एवं पुनर्वास की संपूर्ण कोशिश की जाएगी राज्य के बच्चों को जीवन कौशल प्रशिक्षण प्रदान किए जाएंगे बच्चों के पाठ्यक्रम में व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण भी समलित किया जाएगा।
बताया कि कार्यालय को वर्चुअल रिच की सुविधाओं से पूर्ण करेंगे। बिना किसी मानकों के जो कोचिंग संस्थान चल रहे हैं उन पर हमें प्रभावी नियंत्रण करना होगा ताकि बच्चों का शोषण रुक सके। स्कूलों में किताबी नॉलेज के अलावा परंपरागत हुनर के अपनी आय का साधन बनाने के लिए सिलेबस में रखे जाने हेतु सरकार को लिखेंगे।
सार्वजनिक जगहों पर बालमित्र स्थान का विचार हम अपनी सरकार को देंगे। आयोग बच्चों से संबंधित सभी गतिविधियों में तत्परता से सम्मिलित होगा। हमने मुख्यमंत्री व महिला एवं बाल विकास की मंत्री जी से भी मुलाकात की और उन्हें अपना कार्य करने की रन की रणनीति का दृष्टि पत्र सौंपा सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में मुख्य गेट पर साइन बोर्ड लगाए जाएंगे सरकारी स्कूलों के वातावरण को बहुत सुंदर बनाया जाएगा ताकि लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने में गर्व महसूस करें।
आयोग की पूरी कोशिश रहेगी कि प्रदेश का हर बच्चा संरक्षित हो । प्रेस वार्ता में बाल आयोग की अध्यक्षा गीता खन्ना, श्री विनोद कपरवान सद्स्य, दीपक गुलाटी सदस्य, श्रीमती रोशनी सती अनु सचिव व आयोग का समस्त स्टाफ उपस्थित रहे।