नानी बनने के बाद की 10वीं परीक्षा पास, लोकतंत्र के मुखिया पद के लिए आडे आ रहा था शैक्षिक प्रमाण पत्र
क्षेत्रीय हितों के लिए मुखर रहने वाली मुन्नी देवी के लिए जब स्थानीय लोगों ने पंचायत में नामांकन करने के लिए कहा। उनके पास ज्ञान, व्यवहार, कुशल वक्ता, और अपने अधिकारों के प्रति सजगता के साथ ही क्षेत्र हितों की पैरवी करने में उनके अंदर नेतृत्व की अपार क्षमतायें जैसे जन्मजात गुण है, लेकिन एक अदद न्यूनतम शैक्षिक अर्हता का प्रमाण पत्र उनकी इन सब योग्यताओं को गौण कर देता। जब भी कोई पद या दायित्व लेने का मौका मिलता हमेशा कम शिक्षा आड़े आ जाती। बचपन में आठवीं पास करने के बाद शादी हो गयी, उसके बाद घर गृहस्थी में रम गयी लेकिन जन्मजात गुणों ने उसके अंदर क्षेत्रीय समस्याओं पर मुखर होने के लिए प्रेरित किया। लोकतंत्र मेंं पद का बड़ा महत्व है, और पद के लिए समय समय पर शैक्षिक योग्यता में परिवर्तन आता गया, जिस कारण मुन्नी देवी के लिए कम शिक्षित होना बाधक बन गया।
वर्ष 2019 के पंचायत चुनाव में जब गॉव के निवासियों ने प्रधान पद के लिए उम्मीदवारी करने के लिए कहा और क्षेत्र के लोगों ने उन्हें जिला पंचायत चुनाव लड़ने के लिए कहा तो उनके आगे शैक्षिक प्रमाण पत्र आड़े आ गया। वह सबसे यह बात बता भी नहीं सकती थी अंततः उन्होंने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से हाई स्कूल का फार्म भरा और फिर अपने गाय भैंस बेचकर, खेती बाडी के साथ परीक्षा की तैयारी करनी आरम्भ कर दी। उनकी पढाई में उनका साथ उनके ग्रेजुएट करने वाले बेटे ने दिया, जिसका परिणाम उन्हें 10वीं में प्रथम श्रेणी में उर्त्तीण के रूप में मिला।
यमकेश्वर के भादसी ग्राम सभा निवासी श्रीमती मुन्नी देवी पत्नी मोहन सिंह भण्डारी क्षेत्र हित में सदैव आगे रहने वाली महिला के लिए हाईस्कूल उर्त्तीण का प्रमाण पत्र सदैव बाधक बना, उन्होने इस बाधा को दूर करने का संकल्प लिया। बकौल मुन्नी देवी बताती हैं कि उन्होंने जब 2019 में पंचायत चुनाव में भाग्य आजमाना चाहा लेकिन 10वीं का प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण बात सोचकर रह गयी। तब उन्होंने संकल्प लिया कि यदि जन सेवा करनी है, क्षेत्रीय नेतृत्व करना है तो सबसे पहले 10वीं की परीक्षा पास करनी है। बता दें कि मुन्नी देवी इस समय दो बच्चों की नानी है, और जिस उम्र में लोग हार मान लेते हैं, उस उम्र में मुन्नी देवी ने किताबों का दामन थामा और 10वीं परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास कर अन्य लोगो के लिए प्रेरणा पुंज बन गयी हैं।
मुन्नी देवी ने बताया कि साल 2017 से वह हलदोगी पटना मार्ग के लिए लोक निर्माण विभाग से लेकर जिलाधिकारी सचिवालय से प्रधानमंत्री तक के लिए पत्राचार किया, जिसके बाद सड़क स्वीकृत हो गयी टेण्डर भी डाले गये लेकिन अभी तक सड़क नहीं बन पायी जिसका मलाल उनको आज भी है। इसी के साथ ही उन्होने नीलकंठ में जीएमओ बस सेवा के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन स्थानीय टैक्सी यूनियन वालों के द्वारा जीएमओ बस सेवा का बहिष्कार करने के कारण योजना परवान नहीं चढ सकी जिसके लिए वह आज भी प्रयासरत है। उन्होने बताया कि जब तक पद पर ना हो तो आम आदमी की सरकार और प्रशासन में कोई पूछ नहीं होती है। अतः क्षेत्रीय कार्य करने के लिए किसी दायित्वधारी पद पर होना आवश्यक है, जिसके लिए न्यूनतम शैक्षिक अर्हता पूर्ण होनी जरूरी हैं।
मुन्नी देवी भण्डारी का कहना है कि क्षेत्रीय समस्याओं के लिए जन जागरूक होना जरूरी है, साथ ही जनता को अपने अधिकारों के प्रति सजग होना भी आवश्यक है। साथ ही आज के समय में पढाई लिखाई का बड़ा महत्व है अतः शिक्षा के लिए उम्र कोई बाधा नही होती है, यदि इच्छा शक्ति है तो आदमी हर उम्र में अपनी अधूरी इच्छाओं को पूर्ण कर सकता है। अब वह आगे 12 वीं की परीक्षा उर्त्तीण करना चाहती हैं ताकि 2024 के आम चुनाव में जनता के बीच खड़ी हो सके।