भाजपा नेताओं के खिलाफ दी कांग्रेसियों ने तहरीर
देहरादून। पैसिफिक होटल में आयोजित भाजपा के भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी के साथ ही पूर्व पीएम नेहरू और इंदिरा गांधी को लेकर अभद्र टिप्पणियां की। ये टिप्पणियां उत्तराखंड कांग्रेस को नागवार गुजरी। इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा माहरा दसोनी के साथ ही कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षरयुक्त एक शिकायत देहरादून कोतवाली में दी गई है। साथ ही भाजपा नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है।
बैठक में दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा था कि- हमें 14 अगस्त 1947 को भी याद रखना चाहिए। उस समय नेहरू के पक्ष में कोई नहीं था। सब सरदार पटेल के पक्षधर थे, लेकिन देश के टुकडे हो गए और नेहरू प्रधानमंत्री बन गए। उस समय 10 लाख लोगों की शहादत हुई, केवल नेहरू की प्रधानमंत्री बनने की जिद के कारण। इसके बाद वह आगे भी नहीं रुके और उन्होंने कहा कि एक ओर मां और बेटे जमानत पर हैं दूसरी और प्रधानमंत्री की मां 10 बाई10 के कमरे में रहती हैं।
भाजपा के प्रदेश प्रभारी ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, प्रियंका गांधी की शादी हिंदू से नहीं हुई है, लेकिन उन के परिजन अपने को ब्राह्मण घोषित करने का प्रयास कर रहे हैं। देश की जनता यह देख रही है। उन्होंने राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राहुल गांधी पप्पू बनना बंद करें और और जनता के मर्म समझे। दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि आज लड़ाई देश के जयचंदो से चल रही है।
दुष्यंत कुमार गौतम के इन बयानों को कांग्रेस ने गंभीरता से लिया है। कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरीमा माहरा दसोनी के लेटर पैड में की गई शिकायत में कांग्रेस के कई नेताओं ने हस्ताक्षक किए हैं। पलटन बाजार स्थित कोतवाली नगर में दी गई शिकायत में कहा गया है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी पर भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम की ओर से दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणियां की गई हैं। जो कि निराधार हैं। इससे पार्टी नेता की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया। साथ ही कांग्रेसजनों की भावनाओं को भी आहत किया गया। एक सभ्य समाज और राजनीतिक सूचिता का तकाजा है कि इस तरह की शब्दावली को संज्ञान में लिया जाए। उन्होंने भाजपा के प्रदेश प्रभारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कराने की मांग की। साथ ही दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की।