महिला आरक्षण बना कानून, लागू होने में लगेगा वक्त
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद नारी शक्ति वंदन विधेयक/ महिला आरक्षण ने कानून की शक्ल ले ली है। हालांकि इसे लागू होने में कितना वक्त लगेगा कहा नहीं जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि 2029 से ये लागू हो सकता है।
देश के कानून की किताब मंे एक और महत्वपूर्ण कानून दर्ज हो गया है। कानून है लोकसभा और राज्यों की विधानसभा में 33 प्रतिशत सांसदी/ विधायकी के पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। लोकसभा और राज्य सभा से पारित ये विधेयक पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हस्ताक्षर होते ही ये कानून बन गया है।
संभवतः ये पहला कानून है जिसके लागू होने की तिथि पर फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता है। कानून के साथ जोड़ी गई शर्त इसकी वजह हैं। उक्त कानून नए परिसीमन के बाद लागू होगा। नया परिसीमन जनगणना के बाद ही हो सकेगा। माना जा रहा है और दावे हो रहे हैं कि 2029 के लोक सभा चुनाव में महिला आरक्षण कानून लागू हो सकता है।
तब तक महिला राजनीतिक की एक पीढ़ी गुजर जाएगी। राजनीति मंे एक पीढ़ी पांच-10 साल तक ही चुनावी राजनीति में सक्रिय रहती है। ये बात अलग है कि चुनाव लड़ने में उम्र कोई बाधा नहीं है।
इस बात में भी कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि ये कानून 2024 के बाद बाद सामने आने वाले राजनीतिक मिजाज पर निर्भर करेगा। चुनावी साल में इस कानून पर हुए होमवर्क और इससे जुड़ी शर्तें इसका प्रमाण है।