क्या वास्तव में हुआ भाजपा प्रत्याशियों के साथ भितरघात, क्या है हकीकत
ऋषिकेश। क्या वास्तव में विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशियों के साथ भितरघात हुआ। या प्रत्याशी खास रणनीति के तहत ऐसे ही हो हल्ला कर रहे हैं।
उत्तराखंड राज्य की पांचवीं विधानसभा के लिए 14 फरवरी को मतदान हुआ। 10 मार्च को परिणाम घोषित होंगे। मतदान और मतगणना के बीच का समय काटे नहीं कट रहा है। परिणाम कई बातें सामने आ रही हैं। भाजपा में बातों का बाहर आने का क्रम मतदान के दिन से ही शुरू हो गया था।
सबसे पहले लक्सर पार्टी के निवर्तमान विधायक एवं प्रत्याशी संजय गुप्ता ने मुंह खोला। अब करीब डेढ़ दर्जन सीटों से कई प्रकार की बात सामने आ रहे हैं। सीधे शब्दों में कहें तो प्रत्याशियों और उनके समर्थक भितरघात का आरोप लगा रहे हैं।
सवाल उठ रहा है कि क्या वास्तव में कुछ सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों के साथ भितरघात हुआ है। जी हां, ऐसा हुआ है ये क्लासिकल भितरघात है। जिसमें कार्यकर्ता आपके साथ खड़े रहकर भितरघात करते हैं। ऐसा भितरघात भाजपा के प्रत्याशियों के साथ ही हुआ है ऐसा नहीं है। सभी राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों ने कम-ज्यादा इसे फेस किया।
दरअसल, जिसे कुछ प्रत्याशी भितरघात का नाम दे रहे हैं वो मतदाताओं की जागरूकता है। ये जागरूकता नेताओं को अखर रही है। पांच साल क्षेत्र में काम न करने, जनता से जुड़े मुददों पर जनता के बजाए पार्टी की भाषा बोलने, पार्टी और सरकार के सम्मुख क्षेत्र की एडवोकेसी न करने और विधायक निधि जीवी समर्थकों के भरोसे क्षेत्र को छोड़ने का असर चुनाव में दिखा।