विधानसभा की नौकरियों का घालमेल भी बेरोजगारों के रडार पर
देहरादून। राज्य विधानसभा में हुई नौकरियों की बंदरबांट भी बेरोजगारों के बीच तेजी से मुददा बनने लगा है। हालांकि इस मामले में तमाम हो हल्ले के बाद भी सरकार कुछ बोलने से बच रही है। चौथी विधानसभा के आखिरी समय में हुई कुछ नियुक्तियां खासी चर्चा में हैं।
राज्य गठन के बाद विधानसभा में तमाम नियुक्तियां यूं ही हो गई। तीसरी विधानसभा में हुई नियुक्तियों को भाजपा ने बड़ा मुददा बनाया था। तमाम नाम भी सामने आए। मगर, सत्ता में आते ही भाजपा ने सबसे पहले इसी मुददे पर चुप्पी साधी।
चौथी विधानसभा में पूर्व की भांति नियुक्ति के प्रयास पूरे चार साल होते रहे। मगर, पांचवें साल यहां मनमाने ढंग से बंपर नियुक्तियां की गई। कुछ नियुक्तियों को लेकर तो खासी चर्चाएं हो रही हैं। कई प्रकार के आरोप तक लग रहे हैं। हालांकि सरकार के स्तर पर अभी तक इस पर कुछ भी टिप्पणी सामने नहीं आई है।
राज्य में नौकरी घोटाले के तमाम प्रमाण मिलने के बाद अब बेरोजगार युवाओं ने विधानसभा में हुई नियुक्तियों को भी मुददा बनाना शुरू कर दिया है। यूं ही नौकरी लगे तमाम चेहरों के नाम भी लिए जाने लगे हैं। इस पर सफेदपोशों के लिए जवाब देना मुश्किल हो रहा है।