गवर्नमेंट पीजी कॉलेज उत्तरकाशी और डिग्री कॉलेज नैखरी में मनाया गया हिन्दी दिवस
तीर्थ चेतना न्यूज
उत्तरकाशी/ देवप्रयाग। गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, उत्तरकाशी और गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज चंद्रबदनी नैखरी में हिन्दी दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर आयोजित विभिन्न शैक्षिक प्रतियोगिताओं में छात्र/छात्राओं ने बढ़ चढ़कर शिरकत की।
शनिवार को गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, उत्तरकाशी में हिन्दी विभाग में राजभाषा हिंदी दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्राचार्य प्रो. पंकज पन्त ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने केंद्रीय हिंदी निदेशालय द्वारा प्रकाशित शब्दावलियों के महत्व तथा मानकीकरण के प्रयोग पर बल देने की बात पर जोर दिया।
हिन्दी विभाग के विभाग के प्रभारी ने हिन्दी भाषा की विभिन्न बोलियों पर प्रकाश डाला। हिंदी विभाग के प्राध्यापक डा. प्रवीण भट्ट द्वारा कार्यक्रम संचालन करते हुए हिन्दी की वर्तमान स्थिति एवं उस पर भविष्य में रोजगार की संभावनाओं से अवगत करवाया गया।
इस अवसर पर डॉ विनीता कोहली, डॉ सोनम भट्ट,डॉ लोकेश सेमवाल, डॉ मधु बहुगुणा, आदि प्राध्यापक उपस्थित रहे। इसके अंतर्गत हिंदी विभाग के द्वारा मौलिक कहानी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें प्रथम स्थान सौरभ बी. ए. पंचम अध्ययन सत्र द्वितीय स्थान संकीत राणा बी. ए. तृतीय अध्ययन सत्र तथा तृतीय स्थान आयुष्मान नौटियाल बी.ए. तृतीय अध्ययन सत्र ने प्राप्त किया। साथ ही इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के आधार मुख पत्र बाड़ाहाट का विमोचन महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर पंकज पन्त द्वारा किया गया।
देवप्रयाग। राजकीय महाविद्यालय चंद्रबदनी टिहरी गढ़वाल में हिंदी दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया ,जिसकी अध्यक्षता प्राचार्य ने की ।उक्त दिवस में महाविद्यालय परिसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया ,जिसमें निबंध प्रतियोगिता ,कविता पाठ प्रतियोगिता,सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता एवम श्रुत लेखन प्रतियोगितायों का आयोजन किया गया..।जिसमें छात्र- छात्राओं ने बढ़-चढ़कर प्रतिभा किया।
हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी की अस्मिता को बचाने लिए विभिन्न प्रयास किए जाने के बारे में बच्चों को बताया । डॉ दीक्षित जी नें हिन्दी भाषा की प्रासंगिकता एवम वैज्ञानिकता के संदर्भ में छात्रों को अवगत कराया,हिंदी विभाग के प्राध्यापक पंकज पुंडीर जी ने छात्र छात्राओं को हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है तथा हिंदी भाषा की अस्मिता के लिए हमे अपनी भाषा के सम्मान करना चाहिए आदि पर विस्तार से प्रकाश डाला ।
अंत में प्राचार्य डॉक्टर महंत मौर्य जी ने अपने सम्बोधन में बताया की किसी देश के भाषा,उस देश का मान सम्मान होती वहा की संस्कृति की परिचायक होती है । कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के प्राध्यापक अरविंद सिंह राणा जी द्वारा किया गया।