उत्तराखंड का एक लाख करोड़ का बजट पेश

उत्तराखंड का एक लाख करोड़ का बजट पेश
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गत वर्ष के मुकबाले 13 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी

तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। उत्तराखंड का सालान बजट एक लाख करोड़ क्रास कर गया है। गत वर्ष के मुकाबले इसमें 13 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बजट ईकोलॉजी, इकोनोमी, इन्नोवेशन, इन्क्लूसिव और सस्टेनेबल डेवेलपमेंट के साथ-साथ टेक्नोलॉजी और एकाउन्टेबिलिटी को ध्यान में रख कर बनाया गया है।

गुरूवार को राज्य के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने वर्ष 2025-26 का बजट विधानसभा में पेश किया। एक लाख करोड़ से अधिक का बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री ने विभिन्न सेक्टर के लिए की गई धन की व्यवस्था की जानकारी दी।

इसमें सबसे अधिक प्रावधान इंस्ट्राक्चर डेवलेपमेंट पर 14763.13 करोड़, ग्रामीण रोजगार मत्स्य विकास पर 146 करोड़, हरिद्वार- ऋषिकेश के विकास को 168.33 करोड़, स्टार्टअप वेंचर फंड 20 करोड़, प्रवासी उत्तराखंड परिषद एक करोड़, रिवर फ्रंट डेवलेपमेंट 10 करोड़, इलेक्ट्रिक बस 6.5 करोड़, होमगार्ड वेलफेयर एक करोड़, सिल्क फैडरेशन रिवाल्विंग फंड पांच करोड़, यूसीसी 30 करोड़, भारतीय न्याय संहिता 20 करोड़, खेल महाकुंभ के लिए 15 करोड़, राष्ट्रीय युवा महोत्सव के लिए पांच करोड़ सीएम ग्रामीण खेलकूद के लिए ढाई करोड़, सीएम स्वरोजगार योजना के लिए 60 करोड़, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना 21 करोड़ आदि।

बजट में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल प्राप्तियां एक लाख एक हजार चौंतीय करोड़ पचहत्तर लाख अनुमानित है। जिसमें 62 हजार पांच सौ 40 करोड़ 54 लाख राजस्व प्राप्तियां, 38 हजार चार सौ चौरनवे करोड़ 21 लाख पंूजीगत प्राप्तियां हैं। इसमें कर राजस्व 39917.74 करोड़, इसमें केंद्रीय करों का राज्यांश 1590292 करोड़ शामिल है।

राज्य के स्वयं के स्रोतों से कुल अनुमानित राजस्व प्राप्ति 2841030 करोड़ में कर राजस्व 2401482 करोड़ करेत्तर राजस्व 439548 करोड़ अनुमानित है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में बजट पेश होने के उपरान्त मीडिया से औपचारिक वार्ता करते हुए उत्तराखण्ड के रजत जयंती वर्ष में ऐतिहासिक बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री और पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि बजट राज्य सरकार की प्राथमिकताओं और संकल्पों को प्रस्तुत करता है। जो सरकार की भविष्य की योजनाओं को प्रस्तुत करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण के रजत जयंती वर्ष में बजट के आकार ने 01 लाख करोड़ को पार किया है। पिछले बजट की तुलना में इस वर्ष के बजट में 13 प्रतिशत वृद्धि हुई है। उत्तराखण्ड राज्य के प्रथम बजट से इस बार का बजट 24 गुना अधिक है। बजट ईकोलॉजी, इकोनोमी, इन्नोवेशन, इन्क्लूसिव और सस्टेनेबल डेवेलपमेंट के साथ-साथ टेक्नोलॉजी और एकाउन्टेबिलिटी को ध्यान में रख कर बनाया गया है। रीवर फ्रंट डेवेलपमेंट योजना, प्रवासी उत्तराखण्ड परिषद का गठन, स्मार्ट सिटी के अंतर्गत इलेक्ट्रिक बसों का संचालन, खेल विश्वविद्यालय की स्थापना, होमगार्ड कल्याण कोष का गठन, पुलिस कर्मियों के उत्साहवर्धन के लिए रिवाल्विंग फंड की स्थापना जैसी अनेक नए पहलुओं को इसमें सम्मिलित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट (नमो) अर्थात नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखंड, महान विरासत व ओजस्वी मानव संसाधन की थीम पर आधारित है। उन्होंने कहा कि बजट में राज्य के समावेशी एवं समग्र विकास के लिए (ज्ञान) अर्थात गरीब कल्याण, युवा, अन्नदाता एवं नारी कल्याण को केंद्र में रखा गया है। राज्य सरकार ने इस बजट में वित्तीय प्रबंधन पर भी विशेष जोर दिया है। उन्होंने कहा हम अपने संसाधनों से राज्य की आय बढ़ाने का प्रयास करेंगे। बजट में शिक्षा, ग्रामीण विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, चिकित्सा, उद्योग आदि क्षेत्रों के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र के अनुरूप बजट है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बाबा केदार के धाम से कहा था कि इस सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा, इसी को ध्येय लेकर बजट में इस संकल्प की प्राप्ति के लिए प्रयास किए गए हैं, जो आने वाले समय में राज्य के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह बजट आदर्श उत्तराखंड बनाने तथा उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के संकल्प को पूरा करेगा।

Tirth Chetna

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