खेलों में उत्तराखंड की लंबी छलांग

खेलों में उत्तराखंड की लंबी छलांग
Spread the love

राजेश रावत

38 वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन और राज्य के खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन साबित करता है कि उत्तराखंड अब खेलों में भी लंबी छलांग लगा चुका है।

राज्य स्थापना के बाद उत्तराखंड के खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन पर गौर करें तो खास देखने को नहीं मिलता। राष्ट्रीय स्तर पर राज्य के पदकों की संख्या 19 से आगे नहीं बढ़ सकी। पदक तालिका में उत्तराखंड 13 से लेकर 26 वें स्थान तक रहा। स्वर्ण पदकों की संख्या एक से लेकर अधिकतम पांच तक रही है।

38 वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड ने पदकों का शतक के साथ पदक तालिका में सातवां स्थान प्राप्त किया। राज्य को विभिन्न प्रतियोगिताओं में 103 पदक मिले। इसमंे 24 स्वर्ण, 35 रजत और 44 कांस्य पदक शामिल।

उत्तराखंड ने 38 वें राष्ट्रीय खेलों में पश्चिम बंगाल, पंजाब, ओडिसा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, आंध्र, जम्मू कश्मीर जैसे बडे़ राज्य को पदक तालिका में पछाड़ दिया। ये आंकड़े बताते हैं कि उत्तराखंड ने खेलों में लंबी छलांग लगा दी है। इससे अब राज्य में खेलों की बेहतरी का माहौल बनेगा। युवा इस क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित होंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य के खिलाड़ियों के प्रदर्शन को ये कहकर कहते हैं कि उत्तराखंड वीरभूमि के बाद अब खेल भूमि भी बन गया है। उत्तराखंड के खिलाड़ियों के प्रदर्शन के साथ ही 38 वें राष्ट्रीय खेल की व्यवस्थाओं ने भी खेल प्रेमियों का ध्यान आकृष्ठ किया है। खेलों की विश्व स्तरीय सुविधा, शानदार स्टेडियम, साजोसामान से विभिन्न राज्यों से आए खिलाड़ी भी खासे प्रभावित दिखे।

नौ स्थानों पर 18 दिनों तक चले राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के जरिए, उत्तराखंड खेल परिदृष्य में प्रमुख शक्ति बनकर उभरा है। उत्तराखंड जैसे अपेक्षाकृत छोटे राज्य के लिए राष्ट्रीय खेलों सफल आयोजन किसी चुनौती से कम नहीं था, क्योंकि उत्तराखंड को राज्य बने सिर्फ 25 वर्ष हुए हैं। मणिपुर और असम के बाद उत्तराखंड राष्ट्रीय खेल कराने वाला तीसरा हिमालयी राज्य बन गया है। वर्ष 2000 में उत्तराखंड के साथ राज्य का दर्जा हासिल करने वाले झारखंड ने वर्ष 2011 में राष्ट्रीय खेल कराए हैं, जबकि छत्तीसगढ़ मेजबानी मिलने के बावजूद इसका आयोजन नहीं करा पाया था।

राष्ट्रीय खेलों में सबसे अहम हरित पहल रही। ग्रीन गेम्स की थीम को अमल में लाने के लिए कई कदम उठाए गए। रायपुर में 2 .77 हेक्टेयर जमीन पर खेल वन तैयार किया गया, जहां पर पदक विजेताओं के नाम के 1600 पौधे लगाए जा रहे हैं। खेलों में जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए पदक हों या मेहमानों के लिए आमंत्रण पत्र, सभी ई-वेस्ट से तैयार कराए गए। शुभंकर राज्य पक्षी मोनाल को बनाया गया।

हरित जागरूकता के लिए स्पोर्ट्स वेस्ट मटीरियल के प्रतीक चिन्ह आयोजन स्थल पर प्रदर्शित किए गए। आयोजन स्थल पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक आवाजाही के लिए ई-रिक्शे, साइकिल प्रयोग किए गए। इसके अलावा, सोलर पैनल के प्रयोग से लेकर पानी के लिए रीयूसबल वाटर बॉटल की व्यवस्था की गई। हरित पहल से इतर महिला स्वास्थ्य का संदेश देने के लिए महिला खिलाड़ियों को वैलकम किट में सेनेटरी नैपकीन व अन्य जरूरी सामान दिए गए। तीन बार इस्तेमाल किए जा चुके 250 लीटर तेल को बायो डीजल बनाने के लिए भेजा गया।

कुल मिलाकर 38 वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के लिए राज्य सरकार की बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पूरा सिस्टम जिस प्रकार से राष्ट्रीय खेलों की सफलता के लिए जुटा रहा वो काबिलेतारीफ है।

 

Tirth Chetna

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *