केंद्रीय बजट में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म की झलक

केंद्रीय बजट में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म की झलक
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प्रो. एचसी पुरोहित।

चुनावी वर्ष में प्रस्तुत केंद्र सरकार का अंतिरिम बजट में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म की झलक दिखती है। बजट लोक लुभावन घोषणाओं के बजाय अर्थव्यवस्था के आधारभूत ढांचे पर केंद्रित रहा।

बजट के प्रावधानों पर गौर करें तो इसमें सरकार का आत्मविश्वास स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहा है। बजट में सरकार की स्वस्थ, सम्पन्न एवं शिक्षित (हेल्दी, वेल्दी और वाइज) समाज के निर्माण के लिए संकल्प नजर आती है। इसे बजट का मजबूत पक्ष माना जा सकता है।

सरकार द्वारा पिछले 10 वर्षों के दौरान किए गए नीतिगत सुधारों एवं आर्थिक विकास के कदमों विशेषतौर से रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म की नीति झलकती है। स्पष्ट है कि बजट बेहतर और बेहतर करने का संकल्प है।

यह अंतरिम बजट मजबूत और विकसित भारत के सपने को अमली जामा पहनाने की और एक पड़ाव समझा जा सकता है। बजट में चारों जातियों, युवा कल्याण, गरीब कल्याण, किसान की आमदनी बढ़ाने एवं महिला सशक्तिकरण के लिए आवश्यक प्रावधानों को तरजीह दी गई है।

पूंजीगत व्यय की बढ़ोतरी होने से रेल सड़क परिवहन ऊर्जा इत्यादि ढांचा गट विकास को गति मिलने के साथ ही रोजगार के नए विकल्प खुलेंगे। कृषि के लिए 1.27 लाख करोड़ से ज्यादा का प्रावधान कृषि क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण होगा । उद्यमिता के विकास एवं छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से उनको 50 वर्ष के लिए ब्याज रहित ऋण का प्रावधान से युवा स्वरोजगार की और प्रेरित होंगे।

स्कूली शिक्षा के लिए बजट में 19.56 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है इससे शिक्षा के गुणवत्ता में सुधार होगा इसके अलावा उच्च शिक्षण संस्थानों, केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी, पीएम उषा, पीएम श्री आदि योजनाओं के तहत बजट आवंटन होने से शिक्षित समाज के निर्माण का सपना साकार होने की दिशा में तेजी के साथ अग्रसर होगा।

रेलवे के तीन कॉरिडोर विकसित होने से औद्योगिक उत्पादों के वितरण एवं विपणन सुगम होने के साथ साथ रोजगार के अवसर के उत्पन्न होंगे।इसके साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय व्यापार आयात- निर्यात प्रभावी तरीके से संचालित करना आसान होगा। प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कर के प्रावधानों में अधिक फेरबदल ना करके आयकर के स्लैब में भी परिवर्तन नहीं किया जाना वित्तीय अनुशासन की दृष्टि देखा जा सकता है इससे राजकोषीय घाटे को 5.1 प्रतिशत तक करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में आसानी होगी।

Tirth Chetna

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