देश के पहले यूसीसी बिल पर उत्तराखंड विधानसभा की मुहर

भेदभाव और कुरीतियों का होगा खात्मा
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। समान नागरिक संहिता बिल पर उत्तराखंड की विधानसभा ने मुहर लगा दी है। देश में ये पहला मामला है। समान नागरिक संहिता के लागू होने से समाज में व्याप्त भेदभाव और कुरीतियों का खात्मा होगा।
उत्तराखंड की विधानसभा में यूसीसी पर लगातार दो दिन चर्चा के बाद बुधवार देर शाम ध्वनिमत से यूसीसी बिल पास हो गया। इस बिल को प्रवर समिति को सौंपे जाने की विपक्ष की मांग बिल के समर्थन के आगे नहीं टिक सकी।
यूसीसी बिल के विधानसभा में पारित होने के बाद अब इसे राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये कानून की शक्ल लेगा और इसे राज्य में लागू किया जा सकेगा।
बिल में सभी धर्मों में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, उत्तराधिकार आदि तमाम मामलों को इसमें रखा गया है। अनुसूचित जनजाति को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है। बहरहाल, बिल के विधानसभा में पास होने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे ऐतिहासिक बताया। कहा कि इससे समाज में व्याप्त भेदभाव और कुरीतियों का खात्मा होगा। इससे समानता की व्यवस्था स्थापित होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी को ड्राफट करने के लिए पांच सदस्यीय समिति ने इस पर चर्चा देश के पहले गांव माणा से की। कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान यूसीसी का वादा राज्य के लोगोें से किया गया था। आज ये संकल्प पूरा हो गया है।
समान नागरिक संहिता बिल को विधानसभा में चर्चा के लिए रखे जाने और पास होने तक राज्य भर में भाजपाइयों ने इसको लेकर जश्न मनाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इसके लिए बधाइयां दी। भारतीय जनता पार्टी इसे सरकार की बड़ी उपलब्धि के तौर पर प्रस्तुत कर रही है।