गंगा ग्रामों का फिर से होगा सत्यापन
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने ली नमामि गंगे परियोजना की बैठक
तीर्थ चेतना न्यूज
नई टिहरी। जिले में गंगा ग्रामों का फिर एनएमसीजी के मानदंडों पर सत्यापन किया जाएगा। साथ ही गंगा से एक किमी. की दूरी पर स्थित सभी गांव इस दायरे में होंगे।
गुरूवार को जिला सभागार नई टिहरी में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में नमामि गंगे परियोजना की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के मानदंडों के अनुसार गंगा ग्रामों का पुनः सत्यापन, गंगा में जल निकासी बिन्दुओं की पहचान करना, उपचारित अपशिष्ट जल के सुरक्षित पुनः उपयोग आदि विषयांे पर चर्चा की गई।
जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को गंगा के किनारे 01 किलोमीटर की दूरी के सभी गांवो को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के मानदंडों के अनुसार गंगा ग्राम के रूप में शामिल करने हेतु पुनः सत्यापन करने के निर्देश दिये गये। इसके साथ ही गंगा में जल निकासी बिन्दुओं चिन्ह्ति करने, उपचारित अपशिष्ट जल के सुरक्षित पुनः उपयोग हेतु नीति तैयार करने और 31 दिसम्बर 2024 तक उपचारित अपशिष्ट जल के पुनः उपयोग पर एनएमसीजी के द्वारा जारी ढांचे पर संरेखित करने एवं एसटीपी के नियमित निरीक्षण करने को कहा गया।
बैठक में ग्राम लस्यसलगांव, पट्टी बासर, तहसील बालगंगा, टिहरी गढ़वाल के समझी नामें तोक में घाट निर्माण एवं घाट मार्ग बनाये जाने एवं देवप्रयाग में शान्ता नदी में एन.एच. द्वारा डाले जा रहे मलवे के सम्बन्ध में भी चर्चा कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।
बैठक में डीएफओ वन प्रभाग टिहरी पुनीत तोमर, सीडीओ डॉ. अभिषेक त्रिपाठी, एडीएम के.के. मिश्रा, एसडीएम देवेन्द्र नेगी, सोनिया पंत, मंजू राजपूत, संदीप कुमार, अपूर्वा सिंह, सीएओ विजय देवराड़ी, जीएम डीआईसी एस.सी. हटवाल, डीटीडीओ एस.एस. राणा, डीपीआरओ एम.एम.खान आदि अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।