सरकार को नहीं युवाओं के भविष्य की चिंता: मोहित डिमरी

सरकार को नहीं युवाओं के भविष्य की चिंता: मोहित डिमरी
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तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। मूल निवास – भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि उसे राज्य के युवाओं के भविष्य की कतई चिंता नहीं है। पीसीएस के सेलेबस में भारी विरोधाभास इस बात का प्रमाण है।

मूल निवास – भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने आरोप लगाया कि उत्तराखंड सरकार को यहां के युवाओं के भविष्य की चिंता बिल्कुल भी नहीं है। नवंबर माह में होने जा रही पीसीएस परीक्षा के सिलेबस में भारी विरोधाभास है।

अंग्रेजी और हिंदी माध्यम के सिलेबस में अंतर होने से हिंदी माध्यम से तैयारी कर रहे युवाओं को परीक्षा से बाहर करने का रास्ता खोल दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अंग्रेजी माध्यम में जो टॉपिक रखे गए हैं, हिंदी माध्यम में वे टॉपिक नहीं हैं।

11 सितम्बर को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने नया सिलेबस जारी किया और 16 से 19 नवंबर को मुख्य परीक्षा होनी है। ऐसे में युवाओं के को नए सिलेबस की तैयारी के लिए समय ही नहीं दिया गया। ऊपर से सिलेबस में भारी विरोधाभास।

कहा कि मूल निवास – भू कानून समन्वय संघर्ष समिति, सरकार से मांग करती है कि पीसीएस परीक्षा का सिलेबस एक जैसा रखा जाय और उत्तराखंड से सम्बंधित विषयों पर परीक्षा केंद्रित हो । साथ ही सिलेबस में संशोधन के बाद छात्रों को पाँच से छह माह का समय दिया जाय।

Tirth Chetna

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