बाहरी की परिभाषा तय करें राज्य सरकार

बाहरी की परिभाषा तय करें राज्य सरकार
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भू-कानून और मूल निवास पर गुमराह न करेंः लुशून टोडरिया

तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। मूल निवास भू कानून पर राज्य सरकार जनता को गुमराह न करें। सरकार को चाहिए की जल्द से जल्द बाहरी की परिभाषा तय करे।

ये कहना है मूल निवास भू-कानून समन्वय सँघर्ष समिति के सह संयोजक लूशुन टोडरिया ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के उस बयान को जनता को गुमराह करने वाला बताया, जिसमे उन्होंने कहा है 2018 के बाद बाहर के जिन लोगों ने उत्तराखंड में ज्यादा जमीन खरीदी है उसकी जाँच कराएंगे ।

टोडरिया ने कहा है कि मुख्यमंत्री जी एक ओर बाहर के व्यक्तियों की जमीन खरीद फरोख्त की जाँच की बात कर रहे है परंतु वह दूसरी तरफ वह बाहरी व्यक्तियों की परिभाषा स्पष्ट नही कर पा रहे है । 2018 के बाद से और पहले भी जो गैर मूल निवासी थे उन्होंने उत्तराखण्ड में जमीन की बड़े स्तर में खरीद फरोख्त की,क्या वह लोग भी जाँच के दायरे में आएंगे ।

टोडरिया ने कहा कि सरकार को भू कानून और मूल निवास के मुद्दे पर जनता के सामने अपना मत रखना होगा अन्यथा जनता पूरे प्रदेश से लाखो की संख्या में आंदोलन में उतरने को मजबूर हो जाएगी । टोडरिया ने कहा जिस तरह से हरिद्वार में हरियाणा से आये व्यक्ति को भाजपा से विधानसभा का टिकट मिला है,यह साफ साफ दर्शाता है कि राज्य के मूल निवासियों को हाशिये में डालने की साजिशें अब हर स्तर पर शुरू हो सकती है ।

टोडरिया ने कहा अगर हरियाणा या अन्य राज्यो के निवासी यहां विधानसभा चुनाव लड़कर विधायक बनेंगे तो वो फिर वह,उनके परिजन और समर्थक उत्तराखण्ड की जमीन भी खरीद और बेच सकेंगे है ,इसलिए सबसे पहले जरूरी है कि मूल निवास 1950 लागू किया जाए तभी बाहरी और स्थानीय तय होंगे, नही तो मुख्यमंत्री सिर्फ बयानबाजी करके उत्तराखंड की जनता को भ्रमित ना करें । पहले उत्तराखंड में तत्काल प्रभाव से मूल निवास 1950 लागू किया जाए और बाहर के लोगों द्वारा जमीन की खरीदफरोख्त पर रोक लगाए जाए ।

Tirth Chetna

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