महंगाई डायन ने बाजारों से त्योहारी रौनक को छीना

महंगाई डायन ने बाजारों से त्योहारी रौनक को छीना
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सुदीप पंचभैया।

महंगाई डायन ने बाजारों से त्योहारी रौनक को पूरी तरह से छीन लिया है। नारों/मुददों के मजबूत कवर से दबाकर रखी गई महंगाई पर चिपकाया गया अच्छे दिनों का पोस्टर अब फटने लगा है।

इन दिनों पूरे भारत मंे त्योहारी सीजन का जोर है। बाजार की शक्तियां तमाम प्रकार के उत्प्रेरकों (ऑफर) के माध्यम से बाजार में रौनक और लोगों में उत्साह जगाना चाहती हैं। बाजार की ये कोशिशें असफल साबित हो रही हैं। बाजार मंे भीड़ जरूर है। मगर, मोल भाव करते लोग नहीं दिख रहे हैं।

ऐसे हालातों से बाजार हैरान परेशान है। लोग जरूरत भर की खरीददारी कर रहे हैं। कर्ज लेकर लग्जरी आइटम खरीदने से लोग हिचकिचा रहे हैं। दरअसल, महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है। आम जन जितना कमा रहा है उसमें बचत ना के बराबर हो रही है। कमाई में महीने के खर्चे पूरे करने मुश्किल हो रहे हैं। बैंकों में घटती सेविंग इस बात का प्रमाण है। स्थिति नहीं संभली तो हालात और खराब हो सकते हैं।

ऐस सब एक, दो सालों से नहीं हो रहा है। बल्कि कई सालों से ये देखा जा रहा है। अच्छे दिनों के नारों के बाद महंगाई हर स्तर पर बढ़ी है। महंगाई को व्यवस्था ने बड़ी चालाकी से नारों/मुददों से अच्छे से कवर कर दिया। जब-जब लगा कि लोग अब समझने लगे हैं तो फिर अच्छे दिनों की धून शुरू कर दी गई।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति सितंबर 2024 में बढ़कर 5.49 प्रतिशत हो गई। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए इसी मुद्रास्फीति दर क्रमशः 5.87 प्रतिशत और 5.05 प्रतिशत है।

मंत्रालय ने बताया कि खुदरा महंगाई दर में ये तेज उछाल, हाई बेस इफेक्ट और मौसम के चलते हुआ है. सितंबर 2024 में खाद्य महंगाई दर में भी भारी बढ़ोतरी आई है और ये 9.24 फीसदी पर जा पहुंची है. ग्रामीण इलाकों में खाद्य महंगाई दर 9.08 फीसदी तो शहरी इलाकों में 9.56 फीसदी रही है।

अगस्त 2024 में खाद्य महंगाई दर 5.66 फीसदी रही थी. इससे पहले आज वाणिज्य मंत्रालय ने जो होलसेल महंगाई के डेटा जारी किए उसके मुताबिक थोक महंगाई दर में भी उछाल देखने को मिला है।

सांख्यिकी मंत्रालय ने खुदरा महंगाई दर का जो आंकड़ा जारी किया है उसके मुताबिक सितंबर महीने में सब्जियों की महंगाई दर में भारी बढ़ोतरी आई है. सितंबर में सब्जियों की महंगाई दर 35.99 फीसदी रही है जो अगस्त में 10.71 फीसदी रही थी. दूध और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स की महंगाई दर में बढ़ोतरी आई है और ये सितंबर में 3.03 फीसदी रही है जो अगस्त में 2.98 फीसदी रही थी।

दालों की महंगाई में कमी आई है और ये अगस्त के 13.60 फीसदी के मुकाबले घटकर 9.81 फीसदी पर आ गई है. अनाज और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स की महंगाई दर भी कम हुई है और सितंबर में 6.84 फीसदी रही है जो अगस्त में 7.31 फीसदी रही थी. चीनी की महंगाई दर घटकर 3.46 फीसदी, अंडों की महंगाई दर में घटकर 6.31 फीसदी रही है. मीट और मछली की महंगाई दर घटकर 2.66 फीसदी पर आ गई है।

देश में रिटेल महंगाई दर 2022 से अब तक लगातार भारतीय रिजर्व बैंक के तय लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है. इस पर काबू पाने की आरबीआई की तमाम कोशिशें नाकाम। महंगाई के मामले को सीधे विश्व से जोड़ने वाले तर्क देते हैं कि महंगाई के मामले में भारत विश्व में 10 वें स्थान पर है।

पड़ोसी मुल्क चीन में महंगाई दर सबसे कम है। जापान में भी कम है। देश के लोग महंगाई से निजात चाहते हैं। रोजगार के अवसर भी चाहते हैं। ऐसा नहीं हुआ तो महंगाई डायन का डेरा घर-घर पर दिखेगा। इससे देश कई तरह से प्रभावित होगा।

Tirth Chetna

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