आनंदम पाठयचर्या विद्यार्थी ही नहीं शिक्षकों के लिए भी महत्वपूर्णः राम सिंह चौहान
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। आनंदम पाठयचर्या विद्यार्थियों के लिए नहीं बल्कि शिक्षकों के लिए भी महत्वपूर्ण है। जरूरत इस बात की है कि इससे संबंधित प्रशिक्षण के अनुभव को कक्षा कक्ष तक पहुंचाया जाए।
ये कहना जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, डायट देहरादून के प्रभारी प्राचार्य राम सिंह चौहान का। चौहान सेवारत शिक्षकों का आनन्दम् पाठ्यचर्या पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि प्रशिक्षण के बाद क्रियान्वयन महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने सभीं शिक्षकों को आनन्दम् के उदेश्यों से अवगत कराते हुए कहा कि आनन्दम् पाठ्यचर्या ना सिर्फ विद्यार्थियों बल्कि हमारे लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं।
इसके द्वारा हम रिश्तों की गहरी समझ, नये संबंध विकसित करने एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण निर्मित करने की क्षमता विकसित करते हैं, विज्ञान के इस युग में जिन मानवीय मूल्यों को हम भूलते जा रहें हैं उनकों फिरसे विकसित कर पायेंगे तथा अपनी एवं दूसरों की भावनाओं को समझने की क्षमता भीं विकसित कर पाएंगेद्य साथ ही साथ उन्होंने आनन्दम् पाठ्यचर्या को विद्यालय के हर एक बच्चें तक पहुँचाने के लिए सभी प्रतिभागियों को प्रेरित किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं आनन्दम् पाठ्यचर्या, जनपद देहरादून के समन्वयक डॉ. विजय सिंह रावत ने बताया की आनन्दम् पाठ्यचर्या सामाजिक एवं भावनात्मक शिक्षा पर आधारित पाठ्यक्रम हैं, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों के मानवीय मूल्य, सामाजिक भावनात्मक एवं जीवन कौशल विकास विकसित करना हैं।
यह नवाचारी कार्यक्रम शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड के द्वारा एक्सपेयरिमेंट लर्निंग के अंतर्गत 14 नवम्बर 2019 से प्रदेश के समस्त सरकारी विद्यालयों में पढनेवाले कक्षा 1 से 8 के विद्यार्थियों हेतु संचालित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत आनन्दम् कक्षा का संचालन साप्ताहित समयसारणी के अनुसार पहले वादन में किया जाता हैं।
इसके सफल एवं सुचारू संचालन हेतु कक्षा संचालित करनेवाले शिक्षकों का पाठ्यचर्या के शिक्षा शास्त्र,संचालन प्रक्रिया एवं विभिन्न पहलुओं की गहरी समझ विकसित हो।
इस क्रम में अकादमिक वर्ष 2024-25 हेतु जिला के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिले के विभिन्न ब्लॉकों के स्कूलों के 75 शिक्षक/शिक्षकओं ने प्रशिक्षण लिया। इस मौके पर प्रणय बहुगुणा आदि मौजूद रहे।