सड़कों पर निराश्रित गौवंशीय पशु बन रहे जाम का कारण

सड़कों पर निराश्रित गौवंशीय पशु बन रहे जाम का कारण
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मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने समस्या के निदान को ली बैठक

तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। निराश्रित गौवंशीय पशु शहरों के लिए जी का जंजाल बन गए हैं। कहीं इनसे जाम लग रहा है तो कहीं पशु दुर्घटना की वजह बन रहे है।

म्ंागलवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में आयोजित उत्तराखण्ड एनिमल वेल्फेयर बोर्ड की बैठक ली। बैठक में उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में निराश्रित गौवंशीय पशुओं को गोद लेने वालों को दिया जाने वाले मानदेय देशभर के अन्य राज्यों की अपेक्षा सर्वाधिक है। यह प्रतिदिन 80 रूपये प्रति पशु है। इसके बावजूद आमजन को सड़कों पर निराश्रित गौवंशीय पशुओं की समस्या से पूरी तरह से निजात नहीं मिल पा रही है।

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिव शहरी विकास को नगर पालिकाओं द्वारा प्रत्येक माह शहरी क्षेत्रों में सड़कों में पाए जाने वाले निराश्रित गौवंशीय पशुओं की संख्या की समीक्षा, मॉनिटरिंग एवं उन्हें गौसदनों में भेजने की पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

गौसदनों के निर्माण से सम्बन्धित बैठक में सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने शहरी विकास विभाग द्वारा शहरी क्षेत्रों स्थापित किए जाने वाले 36 गौसदनों के निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। शहरी विकास विभाग द्वारा राज्य के 13 जिलों में 36 गौसदनों हेतु भूमि चिन्हित कर ली गई है तथा 13 गौसदनों का निर्माण कार्य जारी है।

मुख्य सचिव ने पंचायती राज विभाग को राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किए जाने वाले 26 गौसदनों के निर्माण कार्य को भी शीघ्र आरम्भ करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए विभाग को मिसिंग लिंक के माध्यम से 10 करोड़ की धनराशि पहले ही जारी की जा चुकी है। इस सम्बन्ध में पंचायती राज विभाग द्वारा भूमि चिन्हीकरण का कार्य पूरा किया जा चुका है।

बेसहारा गौवंशीय पशुओं की समस्या के दीर्घकालीन समाधान में आधुनिक तकनीकी व आईटी के उपयोग पर बल देते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य के सभी गौवंशीय पशुओं की अनिवार्य जियोटैगिंग के साथ ही इस सम्बन्ध जल्द लॉन्च होने वाले एप्प एवं डैशबोर्ड में प्रत्येक गौवंशीय पशु की आयु, चिकित्सा व अन्य जानकारी से सम्बन्धित डाटा एनालिसिस के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निराश्रित पशुओं की देखभाल में गौसेवक योजना को महत्वपूर्ण बताया तथा इसके अधिकाधिक विस्तार के निर्देश दिए हैं।

निर्माणधीन एवं पहले से ही संचालित गौसदनों के संचालन एवं रखरखाव की निरन्तर मॉनिटरिंग की सख्त हिदायत देते हुए मुख्य सचिव श्रीमती रतूड़ी ने गौसदनों में गौवंश हेतु चारा, भूसा, प्रकाश, चिकित्सा, सुरक्षा एवं दवाईयों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने निर्देश दिए हैं। उन्होंने गौसदनों के नियमित निरीक्षण के भी निर्देश दिए हैं।

उत्तराखण्ड पशु कल्याण बोर्ड द्वारा जानकारी दी गई है कि राज्य में वर्तमान में निराश्रित गौवंशीय पशुओं की संख्या 20887 है। इस अवसर पर सचिव डा0 बीवीआरसी पुरूषोत्तम, नितेश झा, चंद्रेश कुमार, वी षणमुगम सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

Tirth Chetna

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