डिप्टी ईओ बनें बीईओ और टपराते रहे गए शिक्षक- प्रिंसिपल

ऋषिकेश। राज्य के 43 डिप्टी ईओ सात-आठ साल की सेवा के बाद बीईओ बन गए और ढाई-तीन दशक की विभागीय सेवा वाले शिक्षक-प्रिंसिपल टपराते रह गए। इसके साथ ही शिक्षकों की प्रमोशन की हद हेड मास्टर और किसी तरह से प्रिंसिपल तय हो गई है।
शिक्षकां के प्रमोशन के मामले में बेहद शीतल गति से आगे बढ़ने वाले स्कूली शिक्षा विभाग ने डिप्टी ईओ के प्रमोशन के मामले में दरियादिली दिखाई। मात्र सात-आठ साल की सेवा में 43 डिप्टी ईओ बीईओ बन गए। 2006 से पहले लोक सेवा आयोग से चुने गए इंटर कालेज के प्रवक्ता प्रमोशन के नाम पर सिर्फ टप टपकारे ले रहे हैं।
इसके साथ ही तय हो गया है कि 2025 के बाद स्कूली शिक्षा विभाग के सभी जिला स्तरीय पद मौजूदा डिप्टी ईओ के हवाले होंगे। शिक्षा विभाग में शैक्षणिक पदों पर प्रशासनिक कैडर का कब्जा तो पहले से ही स्थापित हो चुका है।
एससीईआरटी के मामले में केंद्र सरकार के उलहाने के बावजूद राज्य सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है। कुल मिलाकर स्कूलों का अनुभव अब शिक्षा विभाग की मॉनिटरिंग में खास मायने नहीं रखेगा। कुल मिलाकर शिक्षक/हेड मास्टर और प्रिंसिपल में आपसी सामंजस्य के अभाव में उनके हिस्से प्रमोशन के नाम पर सिर्फ और सिर्फ टपराना ही आएगा।