स्वयं को असहज महसूस कर रहे भाजपा के देवतुल्य कार्यकर्ता
विधानसभा में नौकरियों की बंदरबांट का मामला
तीर्थ चेतना न्यूज
पौड़ी। विधानसभा में नौकरियों की बंदरबांट को लेकर पैदा हुई स्थिति से भाजपा के देवतुल्य कार्यकर्ता स्वयं को असहज महसूस कर रहे हैं। इस मामले में पार्टी के स्तर से एक्शन में हो रहा विलंब और मुश्किल पैदा कर रहा है।
2017 में भाजपा तब कांग्रेस सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार, विधानसभा में नौकरियों की बंदरबांट पर चोट करते हुए सत्ता में आई थी। सत्ता में आने के बाद भाजपा ने कांग्रेस के शासन में विधानसभा में हुई नौकरियों की बंदरबांट पर चुप्पी साध ली। यही नहीं 2022 आते-आते भाजपा भी कांग्रेस की राह पर चल निकली।
भाजपा के राज में भी विधानसभा में नौकरियों की बंदरबांट हुई। इस पर राज्य भर में बवाल मचा हुआ है। लोग इस कृत्य से हैरान हैं। लोगों ने जिस वजह से भाजपा को वोट दिया पहली बार उस पर टिप्पणी करने लगे हैं। ये टिप्पणियां सुन भाजपा के देवतुल्य कार्यकर्ता असहज महसूस कर रहे हैं।
भाजपा और कांग्रेस के बीच वोट का अंतर पैदा करने वाला नया वर्ग तो इस पूरे प्रकरण से खासा बिदका हुआ है। अक्सर बहस/चर्चा में भाजपा को डिफेंड करने वाला युवा वर्ग अब नकारात्मक टिप्पणी करने लगा है। ये भाजपा के लिए चिंता की बात है। नौकरियों की बंदरबांट को नियमानुसार और विशेषाधिकार बताने की बात से राज्य के युवा खासे चिढ़े हुए हैं।
हालांकि राज्य सरकार के स्तर से पेपर लीक मामले और अन्य प्रकरणों पर एसआईटी/विजिलेंस से जांच कराई जा रही है। कई गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं। विधानसभा में नौकरियों की बंदरबांट पर भी स्पीकर द्वारा तीन सदस्यीय कमेटी से जांच कराई जा रही है। एक माह में रिपोर्ट भी आ जाएगी। बावजूद इसके लिए लोग भाजपा से इस मामले में एक्शन चाहते हैं। एक्शन में हो रहे विलंब से लोगों में नाराजगी है।