उत्तराखंड में भर्ती परीक्षा में नकल करने और कराने वालों की खैर नहीं
नकल विरोधी कानून लागू, उम्र कैद की सजा का है प्रावधान
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। उत्तराखंड में कड़ा नकल विरोधी कानून लागू हो गया है। ये कानून सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए लाया गया है। इसमें उम्र कैद की सजा और 10 करोड़ का अर्थदंड का प्रावधान किया गया है।
उत्तराखंड राज्य भर्ती परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक के लिए बदनाम हो चुका है। राज्य को इस बदनामी से बचाने के लिए सरकार कड़ा नकल विरोधी कानून लाई थी। राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद ये राज्य में लागू हो गया है। इसे उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय ) अध्यादेश 2023 के नाम से जाना जाएगा।
इस कानून में कड़े प्रावधान किए गए हैं। नकल करने और कराने वालों पर कानून के तहत कड़ा कार्रवाई की जा सकेगी। इसमें उम्र कैद और 10 करोड़ तक के अर्थदंड का प्रावधान किया गया है। नकल करने वाला परीक्षार्थी दो से पांच साल तक राज्य स्तरीय किसी भी परीक्षा में नहीं बैठ सकेगा।
राज्य में कानून लागू होने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ये देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून है। कहा कि पटवारी परीक्षा की जांच न्यायाधीश की निगरानी में की जाएगी।