यूसर्क का तीन दिवसीय जल पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न

यूसर्क का तीन दिवसीय जल पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न
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तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) की जल के सूक्ष्म जैविक विश्लेषण विषय पर प्रयोगात्मक प्रशिक्षण पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हो गया।

शुक्रवार को डॉल्फिन पीजी इंस्टीट्यूट में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के मौके पर यूसर्क की निदेशक प्रो0 (डा0) अनीता रावत ने कहा कि इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम से प्रशिक्षणार्थियों ने प्रयोगात्मक रूप से जल में उपस्थित विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म जीवों का विश्लेषण करना सीखा जिससे उनको बहुत सी बारीकियों को सीखने का अवसर प्राप्त हुआ।

उन्होंने कहा कि यूसर्क द्वारा इस प्रकार के विभिन्न विषयों पर हैण्डस आन प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रतिमाह लगातार आयोजित किये जा रहे है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉल्फिन संस्थान के अध्यक्ष एवं चेयरमैन अरविंद गुप्ता ने कहा कि संस्थान द्वारा विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रकार के शैक्षणिक एवं शोध कार्यों को प्रमुखता से सम्पन्न कराया जा रहा है।

कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुये यूसर्क वैज्ञानिक डा. ओम प्रकाश नौटियाल ने कहा कि यूसर्क द्वारा आयोजित यह तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिये बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि यूसर्क द्वारा विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों का संचालन प्रदेश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में वैज्ञानिक अभिरूचि बढ़ाने के लिये किया जा रहा है।

इस तीन दिवसीय कार्यक्रम की संयोजक डाल्फिन इन्स्टीट्यूट, देहरादून की प्राचार्या डा. शैलजा पंत ने कहा कि संस्थान द्वारा यूसर्क के संयुक्त तत्वाधान में संचालित किये जा रहे इस कार्यक्रम से विद्यार्थियों ने स्वयं प्रयोगात्मक कार्य के द्वारा जल में उपस्थित सूक्ष्म जीवों का अध्ययन किया।

डा. ज्ञानेन्द्र अवस्थी ने जल की ठव्क् एवं ब्व्क् का अध्ययन प्रयोगात्मक रूप से सिखाया। डा. अशोक सिंह ने ‘स्टेन्डर्ड प्लेट काउंट विधि’द्वारा जल के सूक्ष्म जीवों का अध्ययन प्रयोगात्मक रूप से करने की ट्रेनिंग प्रदान की। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की प्रो. परमपाल सहोटा ने ‘किट के माध्यम से जल में उपस्थित सूक्ष्म जीवों का अध्ययन’करने की हैण्डस आन ट्रेनिंग प्रदान की। डा. गौरी सिंह ने ‘एम.पी.एन. विधि’ की हैण्डस आन टेनिंग प्रदान की।

डा. तृप्ति ने ‘मैम्ब्रेन फिल्ट्रेशन विधि’पर प्रयोगात्मक प्रशिक्षण प्रदान किया।कार्यक्रम में देहरादून, हरिद्वार एवं ऋषिकेश के स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के 30 छात्र-छात्राओं द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया गया।

Tirth Chetna

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