एससीईआरटी में क्षमता सम्वर्द्धन एवं सामग्री विकास कार्यशाला शुरू

एससीईआरटी में क्षमता सम्वर्द्धन एवं सामग्री विकास कार्यशाला शुरू
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उल्लास कार्यक्रम

तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। उल्लास (अंडरस्टैंडिंग ऑफ लाइफलांग लर्निंग फॉर ऑल इन सोसाइटी) के तहत एससीईआरटी के तत्वावधान में पांच दिवसीय राज्य स्तरीय क्षमता सम्वर्द्धन एवं सामग्री विकास कार्यशाला शुरू हो गई।

शुक्रवार को निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बन्दना गर्ब्याल ने कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि उल्लास कार्यक्रम नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के नाम से भी जाना जाता है। जिसका अर्थ है अडरस्टैन्डिंग लाईफ लॉग लर्निग फॉर आल इन सोशायटी।

यह कार्यक्रम 15 वर्ष से अधिक आयु के उन लोगों के लिए है, जो किन्ही कारणों से साक्षरता प्राप्त नहीं कर पाये हैं। इसके लिए एस0सी0ई0आर0टी0, उत्तराखण्ड द्वारा एन0सी0ई0आर0टी0, नई दिल्ली के सहयोग से 04 प्रवेशिकाएं तैयार की गई हैं। इसी क्रम में इन प्रवेशिकाओं के संक्षिप्त संस्करण उल्लास को भी विकसित किया गया है। पूर्व संकाय अध्यक्ष शिक्षा संकाय, कुमाउं विश्व विद्यालय, अल्मोड़ा प्रो0 जी0एस0 नयाल ने कहा कि असाक्षरों से सम्बन्धित सामग्री उनकी दैनिक जीवन की आवश्यकताओं पर आधारित होनी चाहिए।

संयुक्त निदेशक, एस0सी0ई0आर0टी0 आशा पैन्युली ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य असाक्षरों को जीवन कौशल में दक्ष बनाने के साथ ही व्यवसायिक रूप से समृद्ध करना भी है। असाक्षरों को पढ़ाने वाले स्वंयसेवी शिक्षकों को प्रौढ़ मनोविज्ञान की जानकारी का होना आवश्यक है। उनके शिक्षण में असाक्षरों के जीवन के अनुभवों को सम्मिलित किया जाना चाहिए।

उल्लास कार्यक्रम के राज्य समन्वयक डॉ0 हरेन्द्र सिंह अधिकारी ने पावर प्वाइन्ट प्रस्तुतीकरण के माध्यम से अवगत कराया कि राष्ट्रªीय स्तर पर इस कार्यक्रम के संचालन के लिए एन0सी0एल0 (नेशनल सैन्टर फॉर लिटेªसी) राज्य स्तर पर एस0सी0एल0 (स्टेट सैन्टर फॉर लिटेªसी) तथा जनपद स्तर पर डी0सी0एल0 (डिस्ट्रिक सैन्टर फॉर लिटेªसी) का गठन किया गया है।

एस0सी0एल0-एस0सी0ई0आर0टी0, उत्तराखण्ड द्वारा एन0सी0ई0आर0टी0 के द्वारा बनाये गई प्रवेशिकाएं एवं उल्लास का उत्तराखण्ड के परिप्रेक्ष्य में अंगीकरण किया गया है साथ ही इन प्रवेशिकाओं में दी गई विषयवस्तु पर संवेदीकरण के लिए मार्गदर्शिकाएं भी तैयार की गई हैं। इसके अलावा साक्षरता के प्रति जागरूकता के विकास के लिए नारे और जिंगल भी तैयार किये जा रहे हैं।

पांच दिवसीय इस कार्यशाला में संदर्भदाता के रूप में डॉ0 उमेश चमोला, नरेन्द्र सिंह बिष्ट तथा गोपाल सिंह गैड़ा, कार्यशाला का संचालन कर रहे हैं। उद्घाटन सत्र का संचालन नरेन्द्र सिंह बिष्ट द्वारा किया गया।

पांच दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभागियों का नव साक्षरता कार्यक्रम के विविध पक्षों पर क्षमता अभिवर्धन किया जायेगा तथा साक्षरता से सम्बन्धित पठ्न सामग्री का विकास भी किया जा रहा है। इस अवसर पर एस0सी0ई0आर0टी0 से डॉ0 रमेश पन्त, दिनेश चौहान, अखिलेश डोभाल, अरूण थपलियाल तथा नीलम पवार भी मौजूद थे।

साक्षरता कार्यक्रम तथा सामग्री विकास में इनके द्वारा योगदान दिया जा रहा है- कृपाल सिंह शीला, लक्ष्मी नैथानी, उर्मिला डिमरी, रेखा बोरा, कौशल कुमार, डॉ0 अरूण कुमार तलनिया, शिवराज सिंह तड़ागी, उपेन्द्र कुमार भट्ट, संजय भट्ट, कुन्दन सिंह भण्डारी, दिव्या नौटियाल, माधुरी दीक्षित, सोनिया, चन्द्रशेखर नौटियाल, विनीत भट्ट, हरीश नौटियाल, अरविन्द सिंह सोलंकी, अनवर अहमद, पल्लवी पुरोहित, प्रेरणा बहुगुणा, डॉ0 संजीव डोभाल तथा श्री नरेन्द्र सिंह नेगी।

Tirth Chetna

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