देहरादून में ग्रामीण विज्ञान कांग्रेस का आयोजन

देहरादून में ग्रामीण विज्ञान कांग्रेस का आयोजन
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया उदघाटन

तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। देहरादून में ग्रामीण विज्ञान कांग्रेस का आयोजन किया गया। बताया जा रहा है कि ऐसा देश में पहली बार हुआ है। इस अभिनव प्रयोग से खासी उम्मीद की जा रही हैं।

शुक्रवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विज्ञान धाम झाझरा में ग्रामीण विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ किया। तीन दिवसीय 17वीं उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कांग्रेस -2023 के अन्तर्गत ‘प्रथम ग्रामीण विज्ञान कांग्रेस’ का आयोजन किया गया है। इस मौके सीएम ने कहा कि संपूर्ण विश्व विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। अविष्कारों और अनुसंधानों के इस युग में वैज्ञानिक एवं तकनीकि विकास की चेतना ने सभी के जीवन को प्रभावित किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में ग्रामीण विज्ञान कांग्रेस का यह देश का पहला आयोजन हो रहा है। एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को सार्थक करने और राज्य के समेकित विकास को गति प्रदान करने में यह आयोजन महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हाइड्रोपोनिक यूनिट, क्यू आर कोड आधारित जैव विविधता पार्क एवं प्राईड ऑफ उत्तराखण्ड एक्सपो प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

ग्रामीण विज्ञान कांग्रेस, उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास यात्रा एवं विज्ञान पर चर्चा पुस्तकों का विमोचन भी इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर वैज्ञानिकों को विज्ञान पुरोधा सम्मान एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण राज्य है। प्राकृतिक संसाधनों के उचित प्रयोग से राज्य में जैविक कृषि को तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गांवों के विकास से ही किसी राज्य और देश के विकास का प्रारूप तैयार होता है। इस विज्ञान कांग्रेस का लक्ष्य हमारे गांवो का समुचित विकास करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हम सभी के लिये गौरव का विषय है कि नागपुर में आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस में यूकास्ट उत्तराखण्ड को बेस्ट पैवेलियन का अवार्ड मिला। उन्होंने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह आयोजन इस संकल्प को मजबूती प्रदान करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विज्ञान कांग्रेस ग्राम्य विकास की दिशा में एक अनूठा प्रयोग है। इस आयोजन के माध्यम से ग्रामीण संस्कृति, कृषि, ग्रामीण पर्यटन और व्यंजन जैसे विभिन्न विषयों पर संवाद स्थापित किये जायेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ग्रामीण विज्ञान कांग्रेस 2025 तक सशक्त उत्तराखण्ड के निर्माण के लिए रौडमैप बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

ग्राम्य विकास एवं कृषि मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार कृषि एवं अनुसंधान के क्षेत्र में लगातार कार्य कर रही है। पिछले दो सालों में राज्य में जैविक खेती के क्षेत्र में काफी कार्य हुए है। राज्य में 34 प्रतिशत जैविक उत्पादन हुआ है, जिसे 2025 तक 60 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है।

पद्मभूषण, पर्यावरणविद् डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि प्रथम ग्रामीण विज्ञान कांग्रेस में विज्ञान और कृषि से जुड़े लोग एक मंच पर हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए जो यह विज्ञान कांग्रेस का आयोजन किया जा रहा है, इसके आने वाले समय में काफी सार्थक परिणाम मिलेंगे। उन्होंने कहा कि इकोनॉमी के साथ इकोलॉजी का समन्वय बहुत जरूरी है।

हमें ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ाना होगा। यह पलायन को रोकने में भी काफी कारगर होगा। लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना होगा। इस अवसर पर विधायक सहदेव सिंह पुण्डीर, सचिव श्री शैलेश बगोली, महानिदेशक यूकास्ट प्रो. दुर्गेश पंत, वैज्ञानिक डॉ. डी.के. असवाल, आयोजक सचिव डॉ. अपर्णा शर्मा आदि मौजूद थे।

Tirth Chetna

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