गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज त्यूनी में कार्यों में सुगमत और गुणवत्ता वर्धन पर कार्यशाला
तीर्थ चेतना न्यूज
त्यूनी। गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, त्यूनी मंें कार्यालय सम्बन्धी विभिन्न कार्याे मे सुगमता एवं गुणवत्ता वर्धन के लिए एक कार्यशाला आयोजित की गई। विषय विशेषज्ञों ने इसके जुड़ी तमाम जानकारियां और अनुभव प्रस्तुत किए।
मंगलवार को कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. अंजना श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई कार्यशाला में शिक्षाविद पूर्व प्रिंसिपल देव सिंह शाह बतौर मुख्य वक्ता मौजूद थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान विद्यालय की सफ़लता उनके कार्यालय के कुशल प्रबंधन एवं दक्षता पर निर्भर करती है।
इससे संस्था के मुखिया के कार्यों में सरलता हो जाती है। और वह अपने कार्यभार में आप को बहुत सहज पाता है। आज के इन्टरनेट के युग में इसका कार्यों में कुछ भिन्नता अवश्य आयी है पर प्रबंध मे ज्यादा में ज्यादा अन्तर नहीं आया है कार्यालय प्रबंधन के आवश्यक तत्वों में – (1) कार्मिक (2) कार्यालयी संसाधन (3) नेतृत्व (4) उसका वातावरण (5) उद्देश्य आदि प्रमुख है।
प्रबंधन के कार्यों में – नियोजन, निर्देशन, नियंत्रण, समन्वय, निर्णयन, सम्प्रेषण, नवप्रवर्तन एवं विकास आदि प्रमुख है। उन्होंने कार्यालय में फाइलिंग सिस्टम, सर्विस बुक, अवकाश पंजिका, गार्ड फाइल आदि पर भी प्रकाश डाला।
कार्यशाला में महाविद्यालय के पुस्तकालय सह अध्यक्ष खुशी राम ने पुस्तकालय प्रबंधन के कुशल संचालन में विद्यार्थियों की भूमिका पर प्रकाश डाला एवं ईगन्थालय हेतु विद्यार्थियों से अपने मेल आईडी बनाकर सरलता पूर्वक अध्ययन का आह्वान किया
कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. अंजना श्रीवास्तव ने कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए ष्कार्यालय प्रबंधन श्के व्यवहारिक पहलुओं पर प्रकाश डाला एवं कहा कि दूर दराज के कम स्टाफ वाले कार्यालयों में एक ही लिपिक द्वारा सभी कार्यों का संपादन करना पड़ता है।
नेतृत्व को इस दृष्टि से कार्यालय के कार्यों में शिक्षकों से भी सहयोग लेकर कार्यालयी कार्यों का संपादन कराना पड़ता है। एक अच्छे कार्यालय प्रबंधन के लिए उसके प्रमुख टूल कार्मिकों की पर्याप्त मात्रा आवश्यक है।अन्यथा एक कामचलाऊ व्यवस्था करनी पड़ती है। छोटे दुर्गम पर्वतीय स्थानों में कार्यालयों में यह समस्या निरंतर बनी हुई है।
इससे कुशल कार्यालयी प्रबंध करना संस्था अध्यक्ष के लिये बहुत कठिन है। अतः शासन को इस पर ध्यान देना आवश्यक है। किसी भी संस्थान में में सभी का सहयोग एवं समन्वय अपेक्षित है अपने सम्बोधन में डा पवन रावत ने कुशल प्रबंधन के लिए कार्यों का वर्गीकरण कर उसे समयबद्ध करने पर बल दिया ।
कार्यशाला में महाविद्यालय के कार्यालय कनिष्ठ लिपिक रवीन्द्र, डॉ. राजेन्द्र कुमार, डॉ. सतीश चंद्र, डॉ. परवेज आलम, डॉ. मीनाक्षी कश्यप, डॉ. आशीष बिजलवान, श्रीमती शर्मिला, डॉ. अजय वर्मा, सचिन शर्मा, डॉ. पवन रावत, हुकुम सिंह, रमेश चौहान, शमशेर सिंह, श्रीमती इंद्रा आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. पवन रावत एवं श्री सचिन शर्मा ने किया।