उत्तराखंड में जिलों की संख्या हो जाएगी 19

देहरादून। उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी तो एक झटके में जिलों की संख्या 19 पहुंच जाएगी। पार्टी के प्रमुख एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राज्य के लोगों से ये वादा किया है।
भाजपा और कांग्रेस 21 सालों में तहसीलों से आगे नहीं बढ़ सकें हैं। छोटे राज्यों में मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक बनें नेताओं को छोटे जिले पसंद नहीं हैं। यही वजह है नए जिले नहीं बन सकें। 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने जरूरी चार नए जिलों की घोषणा की थी। मगर, उनके बाद सीएम बने जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी ने सबसे पहले यही फाइल बंद की।
इसके बाद कांग्रेस ने भी ऐसा ही किया। 2017 में प्रचंड बहुमत की भाजपा सरकार ने तो नए जिलों का जिक्र करना तक जरूरी नहीं समझा। राज्य के लोगों को उक्त दोनों दलों पर अब नए जिलों के गठन को लेकर भरोसा भी नहीं रह गया है। दोनों दलों को सत्ता में होने पर इस मुददे पर कुछ और स्टैंड होता है और विपक्ष में रहते कुछ और।
ऐसे में आम आदमी पार्टी ने डंके की चोट पर छह नए जिलों के गठन की बात की है। इससे पार्टी नए जिलों के गठन की पक्षधर राज्य की जनता का अटैंशन हासिल किया है। पार्टी प्रमुख एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस ऐलान के बाद पार्टी को लेकर चर्चाओं का स्वर और बढ़ गया है।
उत्तराखंड की राजनीति में आम आदमी पार्टी को फिलहाल भाजपा और कांग्रेस नजरंदाज कर रहे हैं। मगर, जनता आम आदमी पार्टी को नोटिस करने लगी है।