नई टिहरी। टिहरी भाजपा का बगावती जिला बन गया है। यहां 10 में से आठ नगर निकायों में भाजपा कार्यकर्ताओं की बगावत से दो चार हो रही है।
राज्य का टिहरी जिला ही ऐसा जिला है जहां किसी भी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता संगठन की जोर जबरदस्ती का जवाब देने से नहीं चूकते। राज्य का पहला विधानसभा चुनाव इस बात का प्रमाण है। तब भाजपा का स्कोर यहां शून्य रहा था।
इस निकाय चुनाव में भाजपा में कुछ-कुछ 2002 के विधानसभा चुनाव जैसा मंजर दिख रहा है। जिले के 10 में से आठ नगर निकायों में पार्टी में जबरदस्त बगावत देखने को मिल रही है। नरेंद्रनगर नगर पालिका और गजा नगर पंचायत में पार्टी के लिए कुछ राहत है।
इसके अलावा जिला मुख्यालय टिहरी से लेकर देवप्रयाग तक नाराज कार्यकर्ता पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी की खिलाफत कर रहे हैं। मुनिकीरेती में तो पार्टी संगठन एक तरह से बिखर सा गया है। पार्टी के बड़े चेहरे खुलकर अधिकृत प्रत्याशी की खिलाफत कर रहे हैं।
हर चुनाव के समय पार्टी के लिए सक्रिय होने वाले समर्थक इस बार बंटे हुए हैं। जाहिर है इसका असर चनाव परिणाम में जरूर देखने को मिलेगा। ये बात अलग है कि भाजपा के नेता अभी मानने को तैयार नहीं हैं। पार्टी को लगता है कि चुनाव परिणाम 2017 के विधानसभा चुनाव जैसा रहने वाला है।