शिक्षक प्रमोशनः पिछला साल बणगी डाम, ये साल पोड़गी डाम
देहरादून। टिहरी बांध को लेकर एक व्यंग बहुत चर्चित हुआ था। व्यंग था कि पिछला साल सुणी बणगी डाम और ये साल पोड़गी डाम। स्कूली शिक्षकों के प्रमोशन में भी ऐसा ही कुछ-कुछ होता रहा है और हो रहा है।
एलटी शिक्षकों का प्रवक्ता पद पर कथित प्रमोशन (विषयगत लाभ) अब नए शिक्षा सत्र में ही संभव/नई सरकार के रूख पर ही निर्भर करेगा। इसकी प्रक्रिया में पिछले कुछ दिनों में आई तेजी के चुनान आचार संहिता लागू होने के चलते थमने की आशंका पैदा हो गई है।
सोमवार से लोक सेवा आयोग हरिद्वार में प्रमोशन के लिए डीपीसी प्रस्तावित है। विभागीय अधिकारी इस हेतु देहरादून से हरिद्वार कूच को पूरी तरह से तैयार हैं। बावजूद इसके यकीन के साथ कहा जा सकता है कि एलटी शिक्षकों का विषयगत लाभ वाला प्रमोशन लटक गया है।
सोशल मीडिया में शिक्षक इस प्रकार की आशंका पहले से ही व्यक्त करते रहे हैं। शिक्षकों की ये आशंका सच साबित हुई। यही नहीं स्कूली शिक्षकों के प्रमोशन के मामले को देखें तो एलटी/लेक्चरर से हाई स्कूल के हेड मास्टर पद पर होने वाले प्रमोशन भी नहीं हुए।
हाई स्कूल के करीब दो सौ हेडमास्टर जरूर शिथिलता के लाभ से प्रिंसिपल बनने में सफल रहे।