….गरमा रही शिक्षक राजनीति, संघ नेता चौबीसा हुई वायरल

….गरमा रही शिक्षक राजनीति, संघ नेता चौबीसा हुई वायरल
Spread the love

देहरादून। विधानसभा चुनाव और दलीय राजनीति का शिक्षक राजनीति से कनेक्शन उभरकर सामने आ रहा है। परिणाम सर्द मौसम में शिक्षक राजनीति गरमा गई है। संघ नेता चौबीसा वायरल हो गई है। इसको पढ़कर शिक्षक चटकारे भी ले रहे हैं और सिर भी पकड़ रहे हैं।

कुछ सालों से मीडिया को एक खास नाम से नवाजा रहा है। अब ये नाम शिक्षक राजनीति से भी जुड़ने लगा है। दरअसल, शिक्षक नेता की विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा से संबंधित खबर के अखबारों देखकंर शिक्षक हैरान और परेशान हैं। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसको लेकर संघ नेता चौबीसा भी वायरल हो गई।

सोशल मीडिया में वायरल हो रही संघ नेता चौबीसा को पढ़कर शिक्षक चटकारे भी ले रहे हैं और सिर भी पकड़ रहे हैं।

१.जय शिक्षक संघ ज्ञान के सागर , तुम्हरी महिमा लोक उजागर
२.भक्त लगाए तुम्हरा जयकारा , सर पकड़ रोये शिक्षक बेचारा
३.संवर्गवाद को तुम देत बढ़ावा , क्षेत्रवाद पे फिर सबको उलझावा
४.गुटबाजी में निपुण प्रवीना , मुद्दों का अब निकले पसीना
५.तुम अफसर संग सेटिंग लगाए , फिर मंत्री संग पेंग बढाए
६.काम एक न तुम करवायो , मंत्री संग फोटो बहुत खिंचवायो
७.एलटी वाद का लट्ठ चलावा , सीटीवाद की जब सीटी बजावा
८.प्रवक्तावाद का पिलाया पव्वा , शिक्षक एकता हो गयी हव्वा
९.तुम एक्ट को गड्ढे में फेंका , फिर मंत्री सन्मुख घुटने टेका
१०.विकट रूप धरी हड़ताल करायो , पूंछ दबा साई न कर आयो
११.तुम्हारो मन्त्र जब चमचा माना , अटैच हुए सब जग जाना
१२.बीस सूत्री के हो तुम रखवारे , नित मंत्री के पैर पखारे
१३.एक सूत्र का न निकले जीओ , वादे सब अब घोल के पीओ
१४.अपने हित खर को बोले बाबा , वोटन खातिर फिर खोले ढाबा
१५. मामा दुवारे तुम रखवारे , होत न काम अब बिन पैसा रे
१६.संघ में फैलाए बहुत गुटबाजी , तुम खुद मुल्ला तुम खुद क़ाज़ी
१७. चुनाव विनाशक सदस्य निवारा , शिक्षक करे सब अब हाहाकारा
१८.तुम हड़ताल में तो बहुत दहाड़ा , नित नई शर्ट तुम फाड़ा
१९. परमोशन की बात करी कुछ ऐसी , हो गयी सबकी ऐसी की तैसी
२०.सुगम दुर्गम सब तुम्हरे तेते , शिक्षक भैया फिर भी न चेते
२१. तुम बने अब मंत्री के तोता , शीश पकड़ सब शिक्षक रोता ।
२२.तुम्हे न कोऊ भय सताता , अपने भक्तन के तुम पितु और माता
२३.संगठन को बहुत बिठायो भट्टा , चेले तुम्हारे भांजे फिर अब लट्ठा
२४.जीतन को तुम बहुत जोर लगावा , उसके बाद शकल न दिखावा ।।

 

 

Tirth Chetna

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *