बीएड प्रशिक्षितों के लिए बेसिक के दरवाजे बंद, बेसिक वालों का एलटी में स्वागत
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। बीएड प्रशिक्षित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक नहीं बन सकेंगे। प्राथमिक शिक्षक बगैर बीएड के सरकार द्वारा तय 30 प्रतिशत कोटे के तहत एलटी/टीजीटी शिक्षक बनते रहेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान राज्य से जुड़े एक मामले में निर्णय दिया कि बीएड प्रशिक्षित प्राथमिक स्कूल में शिक्षक बनने के पात्र नहीं होंगे। प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए पात्रता बीटीस/डीएलएड/ समकक्ष कोर्स वाले ही अर्ह होंगे। इस तरह से बीएड प्रशिक्षकों के लिए बेसिक स्कूल में शिक्षक बनने के दरवाजे बंद हो गए हैं।
दूसरी ओर देखें तो प्राथमिक शिक्षक बगैर बीएड के सरकार द्वारा तय 30 प्रतिशत कोटे के तहत एलटी/टीजीटी शिक्षक बनते रहेंगे। उत्तराखंड समेत कई राज्यों में ये व्यवस्था है। इससे अब सवाल खड़ा होने लगा है कि जब बीएड प्रशिक्षिक के लिए बेसिक स्कूल में शिक्षक बनने के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं तो नॉन बीएड बेसिक शिक्षकों को कैसे एलटी/टीजीटी शिक्षक बनाया जा रहा है।
इस बात को लेकर अब राज्यों के स्कूली शिक्षा विभाग में असमंजस बढ़ सकता है। राज्य इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को राजस्थान के संदर्भ में बताकर बच नहीं सकते। वजह से सुप्रीम कोर्ट का निर्णय एनसीटीई की अधिकसूचना के आधार पर आया है। यानि ये देश के सभी राज्यों पर समान रूप से लागू होगा।
कुल मिलाकर आने वाले समय में राज्य सरकारों पर प्राथमिक के नॉन बीएड शिक्षकों को एलटी/टीजीटी के प्रमोशन देने के निर्णय को वापस लेने का दबान बन सकता है।