काव्य-कृति “ऐ चाँद तुझे देखूँ“ का हुआ भव्य लोकार्पण

श्रीनगर। हिंदी साहित्य भारती (अंतरराष्ट्रीय), उत्तराखंड और लक्ष्य फाउंडेशन सोसाइटी उत्तराखण्ड के संयुक्त तत्त्वावधान में लक्ष्य इंस्टीट्यूट, श्रीनगर के सभागार में लोकप्रिय कवयित्री अंशी कमल की प्रथम काव्य-कृति “ऐ चाँद तुझे देखूँ“ का लोकार्पण किया गया।
सोमवार को कार्यक्रम के अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। संगीता रावत, सुनीता गैरोला, कांति चमोली, शिखा बिष्ट व अर्चना बिष्ट द्वारा सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। आयुषी बडोनी व अक्षिता डंगवाल के द्वारा मातृ वन्दना प्रस्तुत की गई।
मुख्य अतिथि विख्यात लेखिका डॉ. कविता भट्ट ’शैलपुत्री’, अध्यक्ष, हिंदी साहित्य भारती (अंतरराष्ट्रीय), उत्तराखंड ने कहा कि पहाड़ की महिलाओं का जीवन संघर्षमय होता है, वे स्वयं इस तथ्य की साक्षी हैं। इन परिस्थितियों में जो महिला आगे बढ़कर किसी भी क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करती हैं, वे निश्चित रूप से महान हैं। उन्होंने अपनी लोकप्रिय रचना “ कुछ डग भरे हैं अभी तो उड़ान शेष है“ सुनाकर श्रोताओं को रोमांचित कर दिया।
विशिष्ट अतिथि आचार्य कृष्णानंद नौटियाल ने कहा कि बेटियों को आगे बढ़ाकर उनकी सर्जनात्मकता को प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने अपनी रचना सुनाकर दर्शकों को मुग्ध कर दिया। विशिष्ट अतिथि लोकप्रिय कवि नंदन राणा नवल जनपद महामंत्री हिंदी साहित्य भारती (अंतरराष्ट्रीय) रुद्रप्रयाग जनपद ने पुस्तक की समीक्षा करते हुए कहा कि यह पुस्तक देशभक्ति, प्रेम, सामाजिक विषयों का संग्रहणीय अभिलेख है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए लक्ष्य फाउंडेशन के अध्यक्ष जितेंद्र धिरवाण ने कहा कि बेटियों को विशेष प्रकार के प्रशिक्षण प्रत्येक क्षेत्र में दिए जाने चाहिए ताकि देश का भविष्य उज्ज्वल हो सके ।
कार्यक्रम में संदीप रावत, संगीता बहुगुणा, सुमन किमोठी , रेखा चमोली, अनीता काला , प्रीति सेमवाल , कमला उनियाल , संदीप रावत व संगीता बहुगुणा, कवि और कवयित्रियों द्वारा शानदार काव्य पाठ भी किया गया।
इस अवसर पर साहित्यसेवी गंगा असनोड़ा, संपादिका, रीजनल रिपोर्टर, अंजना घिल्डियाल, शंभु प्रसाद भट्ट स्नेहिल जी, भैरव दत्त डंगवाल, सरोजनी डंगवाल, भगवानी देवी, जगदम्बा प्रसाद डंगवाल, हेमलता थपलियाल, सविता नौटियाल, नरेश डंगवाल, निशा डंगवाल, जागृति थपलियाल, अभिनव बडोनी, अंशिका डंगवाल, अपूर्वा नौटियाल, आकृति नौटियाल, बिंदेश रतूड़ी, वेद किशोर रतूड़ी, लता रतूड़ी, मुकेश काला, सुनीता काला, जय प्रकाश किमोठी, दीना धीरवांण, राकेश रावत, बिजेंद्र रावत, गौरव रावत, सुनीता रतूड़ी, सरोजनी बधाणी, ओमप्रकाश बधाणी, आनन्द बडोनी, मनोज बडोनी, धीरेंद्र पालीवाल प्रभाकर बाबुलकर, सतीश काला, महादेव बहुगुणा, धीरज पालीवाल, अरविंद नेगी व सोहन रावत इत्यादि सहित अनेक साहित्यकार और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार उमा घिल्डियाल ने किया।