चंबा। कुछ प्राइवेट कॉलेजों के द्वारा गलत कार्य के लिए श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय पर बनाए जा रहे दबाव से कुलपति डा. पीपी ध्यानी खासे खफा हैं। उन्होंने ऐसे कॉलेजों को चेतावनी दी कि ऐसी हरकतों से बाज आएं।
उल्लेखनीय है कि कुलपति डा. ध्यानी ने विश्वविद्यालय की संबद्धता हेतु पारदर्शी व्यवस्था विकसित की है। अब संबद्धता के लिए कॉलेजों को ऑनलाइन आवेदन करना होता है। इस वर्ष करीब 290 आवेदन विश्वविद्यालय को प्राप्त हुए। विश्वविद्यालय की स्क्रीनिंग में 154 आवेदन ही सही पाए गए।
जिन कॉलेजों के आवेदन सही पाए गए उनकी धरातलीय स्थिति जानने के लिए निरीक्षण मंडल का गठन किया गया है। कुछ प्राइवेट कॉलेज निरीक्षण मंडल को बदलने का दबाव बना रहे हैं। इसके लिए कॉलेजों के प्रतिनिधि विश्वविद्यालय मुख्यालय के चक्कर काट रहे हैं।
कुलपति डा. ध्यानी ने ऐसे कालेंजों को चेताया कि निरीक्षण मण्डल के पैनल से जो विशेषज्ञ रखे गये हैं बिना उनकी लिखित मनाही के उनकों बदला नही जायेगा और विश्वविद्यालय के चक्कर न लगाये और अपना और विश्वविद्यालय के अधिकारियों के कार्या में विघ्न पैदा न करें।
कुलपति ने यह भी अवगत कराया कि कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुये उन्होने प्राइवेट कॉलेजों के हित में निरीक्षण मण्डलों में उत्तराखण्ड के ही विषय विशेषज्ञों को महत्व दिया है। स्थिति सामान्य होने पर, पूरे देश के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों को ही निरीक्षण मण्डलों में शामिल किया जायेगा। महाविद्यालय को उन्ही से निरीक्षण नियमानुसार करना होगा।
वर्तमान में विश्वविद्यालय से 33 बी0एड0 कालेज सम्बद्ध हैं। कुलपति डा0 ध्यानी के संज्ञान में ऐसे ही प्रकरण बी0एड0 कालेजों से भी आ रहे हैं। कतिपय निजी बी0एड0 संस्थान बिना विशेषज्ञ से असहमति पत्र लिये हुये प्रयोगात्मक परीक्षाओं के लिये विश्वविद्यालय द्वारा नामित विशेषज्ञों को बदलवाने का कुप्रयास कर रहे हैं।
कुलपति ने उन्हे भी सख्त चेतावनी दी है कि अब किसी भी हालत में पुरानी प्रचलित प्रक्रिया नही चलेगी। बिना विशेषज्ञों से लिखित असहमति पत्र के, उनके स्थान पर अन्य विशेषज्ञा नामित नही होंगे। कुलपति ने साफ तौर पर सभी को चेताया कि अब प्राइवेट कॉलेजों द्वारा पूर्व से चल रही प्रक्रियाओं और मनमानी विश्वविद्यालय में नही चलेगी। प्राइवेट कॉलेजों को राज्य में शैक्षणिक उन्नयन हेतु निर्धारित मानकों पर खरा उतरना होगा और राज्य में युवाओं की आकांक्षाओ के अनुरूप संसाधन जूटाने होंगे और उत्कृष्ट शैक्षणिक माहौल बनाना होगा ताकि राज्यहित में उनका चीरस्थाई योगदान बना रहे।