गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज कमांद और चंद्रबदनी नैखरी में याद किए गए अमर शहीद श्री देव सुमन

गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज कमांद और चंद्रबदनी नैखरी में याद किए गए अमर शहीद श्री देव सुमन
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तीर्थ चेतना न्यूज

नई टिहरी/ देवप्रयाग। गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, कमांद और गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज चंद्रबदनी नैखरी में अमर शहीद श्री देव सुमन को 80 वें बलिदान दिवस पर याद किया गया।

गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज कमांद में प्रिंसिपल प्रो. गौरी सेवक अमर शहीद श्रीदेव सुमन पुण्यतिथिे पुष्पांजलि अर्पित कर एन्टी ड्रग के तत्वावधान में एन्टी ड्रग सेल के सदस्यों एवं छात्र/छात्राओं के दल को महाविद्यालय द्वारा गोद लिया गया गांव मौलखाला में नशा मुक्त की शपथ दिलाने के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

मौलखाला गांव में एन्टी प्रभारी डॉ0 मनोज कुमार ने गांव के लोगों एवं एन्टी ड्रग सेल के सदस्यों तथा छात्र/छात्राओं को श्रृंखंलावद्व कर नशामुक्ति की शपथ दिलाई। तथा महान स्वतंत्रता सेनानी के समरण मेंउन्हें याद करते हुए प्राचार्या डॉ0 गौरी सेवक ने कॉलेज परिसर में देवदार के पौंधे को रोपित कर वृक्षारोपण कार्यक्रम का सुभारम्भ किया।

इस अवसर एन0एस0एस प्रोग्राम अफसर डॉ0 प्रवीन के नेतृत्व एन0एस0एस स्वयंसेवियों ने महाविद्यालय के नवीन भवन के परिसर में वृक्षारोपण एवं सफाई अभियान के तहत महाविद्यालय के चारों ओर स्वच्छता कार्यक्रम में छात्र/छात्राओं एवं प्राध्यापक तथा कर्मचारियो ने बढ़-चढ़ भाग लिया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने डॉ0 दीपक राणा एवं डॉ0 रजनीश कुमार का विशेष योगदान रहा है। इस अवसर पर महाविद्यालय के कर्मचारियों में श्रीमती प्रभा, संजय बढानी, दिनेश लाल, कुलदीप कठैत एवं अंकित कुमार मौजूद रहे।

देवप्रयाग। गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, चंद्रबदनी नैखरी में प्रिंसिपल डॉ महंथ मौर्य की अध्यक्षता में टिहरी जनक्रांति के नायक श्रीदेव सुमन जी के शहादत दिवस को श्री देव सुमन दिवस के रूप में मनाया गया।

इस अवसर पर समाजशास्त्र विभाग से डॉ प्रताप सिंह बिष्ट द्वारा श्रीदेव सुमन जी का जीवन परिचय देते हुए बताया गया की श्रीदेव सुमन का जन्म 25 मई 1916 को टिहरी के जौल गांव में हुआ था. ब्रिटिश हुकूमत और टिहरी की अलोकतांत्रिक राजशाही के खिलाफ लगातार आंदोलन कर रहे श्रीदेव सुमन को दिसंबर 1943 को टिहरी की जेल में डाल दिया गया था. जिसके बाद उन्होंने भूख हड़ताल करने का फैसला किया।

209 दिनों तक जेल में रहने और 84 दिनों के भूख हड़ताल के बाद श्रीदेव सुमन का 25 जुलाई 1944 को निधन हो गया।प्राचार्य महोदय द्वारा अपने वक्तव्य के माध्यम से बताया गया की लोकतंत्र के शिल्पकार श्रीदेव सुमन (मूल नाम श्रीदत्त बडोनी) को टिहरी रियासत और अंग्रेजों के अत्याचारों के खिलाफ जनक्रान्ति कर अपने प्राणों का बलिदान करने के लिए याद किया जाता है।

उन्होंने बताया की श्रीदेव सुमन के व्यक्तित्व में कई महापुरुषों की झलक थी। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। रियासत के खिलाफ श्रीदेव सुमन के विरोध में यदि भगत सिंह का जूनून नजर आता था, तो दूसरी ओर वे महात्मा गाँधी के विचारों से भी प्रभावित थे। सुमन एक श्रेष्ठ लेखक और साहित्यकार भी थे।

संस्कृत विभाग से डॉ सचिन सेमवाल एवं हिंदी विभाग से डॉ अरविंद सिंह राणा ने आज के कार्यक्रम में कविता रूपी अपने शब्द सुमन श्रीदेव सुमन जी के चरणों में अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।

आज के कार्यक्रम में उपस्थित छात्र छात्राओं को एंटी ड्रग की शपथ दिलाते हुए उन्हें नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताया गया जिसका मुख्य उद्देश्य नशीले पदार्थों के खिलाफ मौजूदा जागरूकता कार्यक्रम को बढ़ाना और मजबूत करना है। संचालन डा. अरविंद राणा ने किया।

Tirth Chetna

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