श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के गणित विभाग में मनाया गया विश्व पर्यावरण दिवस

श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के गणित विभाग में मनाया गया विश्व पर्यावरण दिवस
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दैनिक जीवन में प्लास्टिक की निर्भरता समाप्त करने का लिया संकल्प

तीर्थ चेतना न्यूज

ऋषिकेश। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के गणित विभाग में विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में छात्र/छात्राओं ने दैनिक जीवन में प्लास्टिक की निर्भरता को कम करने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ गणित की विभागाध्यक्ष प्रो. अनीता तोमर ने किया। उन्होंने बताया कि गणित विभाग में छात्रों को जागरुक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन थीम पर पर निबंध, और पोस्टर प्रतियोगिताए भी शामिल हैं। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस आयोजन की 50वीं वर्षगांठ है जो कि दुनिया भर के लाखों लोगों को एक साथ लाता है, उन्हें पृथ्वी की रक्षा और पुनर्स्थापित करने के प्रयास में शामिल करता है।

इस मौके पर आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में पूजा पंत प्रथम,पाखी धीमान द्वितीय और भावना राठौर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। निबंध प्रतियोगिता पाखी धीमान ने प्रथम, साहिल ने द्वितीय और तन्यम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

इस मौके पर कुलपति प्रो. एन.के. जोशी ने विजयी छात्रों को अपना आशीर्वाद दिया है और इस के लिए गणित विभाग को बधाई दी।. प्रो. एन.के. जोशी ने छात्रों को अपने भविष्य के प्रयासों में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया।
कहा कि श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए शिक्षाविदों, अनुसंधान, नवाचार, ऊष्मायन, उद्यमिता और विस्तार कार्य को सुविधाजनक बनाने और बढ़ावा देने का इरादा रखता है। छात्र का एक अनुकूल वातावरण में समग्र विकास और सर्वांगीण विकास होगा।

श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के प्राध्यापक शिक्षण के अलावा विशेषज्ञता के अपने संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान और अन्य कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं। प्रो. एन.के. जोशी ने कहा कि दुनिया में हर साल 40 करोड़ टन प्लास्टिक कचरे का उत्पादन होता है। यह कचरा हमारे पर्यावरण को भी हानिपहुंचाता है। 2023 विश्व पर्यावरण दिवस अभियान बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए वैश्विक समाधानों का आह्वान करता है।

प्रो एम.एस. रावत कहा कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और बढ़ते प्रदूषण के चलते लोंगो को तरह तरह की गंभीर बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है। 

Tirth Chetna

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