देहरादून। श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति अवैध तरीके से काम कर रही है। उसके पदाधिकारी मंदिर के संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य में चारधाम देवस्थानम एक्ट लागू होने के बाद श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति का अस्तित्व समाप्त हो गया है। बावजूद इसके मंदिर समिति न केवल जमी हुई है। बल्कि मंदिर के संसाधनां का उपयोग भी कर रही है।
श्री बदरीनाथ और श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथियों के ऐलान के वक्त समिति के पदाधिकारियों की मौजूदगी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस पर राज्य सरकार की चुप्पी और हैरान करने वाली है। सरकार ने श्री बदरीनाथ केदारनाथ टेंपल एक्ट 1939 को समाप्त कर दिया। मगर, उसी के तहत बनीं हुई समिति को अभी तक भंग नहीं किया।
जानकारों की माने तो सत्ता के दम पर कानून का मखौल है। साथ ही समिति के पदाधिकारियों का कुर्सी का मोह है। संवैधानिक स्थित तो ये होनी चाहिए थी कि देवस्थानम एक्ट लागू होते ही श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष समेत सभी पदाधिकारियों को इस्तीफा दे देना चाहिए था।