बरिष्ठ साहित्यकार ललित केशवान तैं मीलि चिट्ठी सम्मान – 2021

बरिष्ठ साहित्यकार ललित केशवान तैं मीलि चिट्ठी सम्मान – 2021
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बरिष्ठ साहित्यकार ललित केशवान तैं मीलि चिट्ठी सम्मान – 2021

दिनश ध्यानी।।
नै दिल्लीः 10 जुलाई, 2021 खुणि हिमालयन लोक साहित्य एवं संस्कृति विकास ट्रस्ट द्वारा डीपीएमआई सभागार, न्यू अशोक नगर, दिल्ली म आयाजित चिट्ठी-पत्री पत्रिका को लोकार्पण अर चिट्ठी सम्मान-2021 समारोह को आयोजन करेगे। ये मौका परैं चिट्ठी सम्मान-2021 हिन्दी अर गढ़वाळी का बरिष्ठ साहित्यकार श्री ललित केशवान तैं दियेगे।
आयोजन की अध्यक्षता गढ़वाळी, कुमाउनी, जौनसारी अकादमी का सचिव डाॅ जीतराम भट्ट जीन कैरि अर मुख्य अतिथि वरिश्ठ पत्रकार, भारतीय जनसंचार संस्थान का प्रोफेसर अर उत्तराखण्ड भाषा संस्थान का सदस्य डाॅ गोविन्द सिंह जी अर डीपीएमआई का चेरमैन अर उत्तराखण्ड लोक भाषा साहित्य मंच का संरक्षक डाॅ विनोद बछेती जी छया। कार्यक्रम को संचालन उत्तराखण्ड लोकभाषा साहित्य मंच का संयोजक साहित्यकार श्री दिनेश ध्यानी ल कैरि।
श्री ललित केशवान जी पौड़ी गढ़वाल जिला का गौं सिरोली, इडवालस्यूं, पौड़ी गढ़वाळ, उत्तराखण्डा मूल निवासी छन। केशवान जी को जलम गोलोक वासी स्वर्गीय देवीदत्त अर स्वर्गीय विधाता देवी का घौर 17 अगस्त, 1939 खुणि ह्वै। केषवान जी कि प्राथमिक षिक्षा गौं म हि ह्वै अर स्नातक तलक शिक्षा दिल्ली बिटिन।
जख तलक हम श्री केशवान जी को साहित्य संसारा बात कर्दा ता अमणि चैरासी साला की उमर म बि आप लगातार लेखन का क्षेत्र म सक्रिय छन अर ने पीढि तैं अपणि भाषा अर साहित्य का प्रति सजग करणांन अर बाटु बतौंणान। गढ़वाली भाषा म प्रकाशित पोथि छन, खिल्दा फूल हंसदा पात- गढवाली कविता संग्रह, हरि हिण्डवाण – ऐतिहासिक गढ़वाळी नाटक हिन्दी म भी, दिख्यां दिन तप्यां घाम- गढ़वाळी कविता संग्रह, सब मिलीक रौंला हम- गढ़वाळी बाल कविता संग्रह, दीवा ह्वैजा दैणी- गढ़वाळी गढवाली खण्ड काव्य, जै बदरी नारैण- पांच गढवाली नाटक संग्रह, गंगू रमाला-पौराणिक गढ़वाळी एकांकी सग्रह, जब गरदिस मा गरदिस ऐन- गढ़वाळी कविता सग्रह मुख्य छन अर एक गढ़वाळी कहानि संग्रै अज्यों छपेणां खातिर तैयार छ। अर हिन्दी म बि आपन साहित्य सृजन कैरि जौं मद्दे हिन्दी की मुख्य कृति छन। जो है मेरा देश- हिन्दी कविता संग्रह, सबको गले लगाते फूल – हिन्दी बात कविता संग्रह, छोटी सी गुड़िया थी- हिन्दी बाल कविता संग्रह, अंधेरों के साये में – हिन्दी उपन्यास, हाथी दादा की चैपाल – हिन्दी बाल कहानी संग्रह, हमारी एकता जिन्दाबाद- हिन्दी बाल कहानी संग्रह, उड़नतश्तरी – हिन्दी बाल कहानी संग्रह आदि मुख्य छन। यां का अलाव आपकु एक गढ़वाळी कहानी सग्रै छपेणां खातिर तैयार छ। हिन्दी, गढ़वाळी कविता बि आप नियमित लिखणां छंवा।
उत्तराखण्ड लोक भाषा साहित्य मंच दिल्या का प्रयासों से सन् 2016 बिटिन दिल्ली एनसीआर म नौन्याळों तैं गढ़वाळी-कुमाउनी कक्षाओं को हर साल आयोजन म आपकि अग्रणी भूमिका रैंद। उम्र का अस्सी वसंत पार करणां बाद बि आपकि सक्रियता हमतैं सांसु देंदा।
श्री ललित केशवान जी तैं बगत-बगत परैं साहित्य सेवा खातिर कै सम्मान अर पुरस्कार बि मिलनी जौं मद्दे खास छन,
1. गढवाली साहित्य परिषद कानपुर द्वारा पं. आदित्यराम नवानी साहित्य सम्मान- 1984,
2. हिन्दी अकादमी सबको गले लगाते हिन्दी बाल कविता संग्रह पर सम्मान- 1987,
3. गढवाली ऐतिहासिक नाटक हरि हिण्डवाण के लिए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा डाॅ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल अनुशंसा पुरस्कार 1989,
4. उत्तराखण्ड विचार मंच मुम्बई द्वारा श्री अर्जुनसिंह गुसांई स्मृति साहित्य सम्मान – 2010,
5. अखिल भारतीय उत्तराखण्ड महासभा द्वारा उत्तराखण्ड गौरव सम्मान7 2011,
6. म्यर पहाड़ संस्था द्वारा सम्मान- 2011,
7. अखिल गढ़वाल सभा देहरादून द्वारा गढविभूति सम्मान – 2011,
8. उत्तराखण्ड लोकभाषा साहित्य मंच द्वारा महाकवि कन्हैयालाल डंडरियाल साहित्य सम्मान- 2012,
9. महेश्वरी देवी कुलानन्द बुड़ाकोटी स्मृति न्यास द्वारा महेश्वरी देवी कुलानन्द बुड़ाकोटी स्मृति सािहत्य सम्मान – 2015।
10. अर अमणि चिट्ठी-पत्री सम्मान- 2021।
यां का अतरिक्त बगत-बगत परैं आपतैं कै संस्थाओं द्वारा सम्मानित करेगे।
चिट्ठी-पत्री पत्रिका की जात्रा का बारम युवा साहित्यकार अर गितांग श्री गिरीश सुन्दरियाल जी न बतै कि चिट्ठी पिछला चैतीस-पैंतीस साल बिटिन लगातार छपेणी। कै उतार-चढाव अर रूडी-बसगाळ द्यखणां का बाद बि अमणि चिट्ठी नित नै कलेवर का दगड़ि समणि औणीं। ये अंक म नै अर पुराणी पीढ़ी का ल्यखवारों न आपनी दिनी। चिट्ठी लगातार अगनै बढ्दा जाणी अर कामना करदन अगनै हौरि कलेवर समेटली।
चिट्ठी-पत्री का प्रधान सम्पादक अर साहित्यकार श्री मदन मोहन डुकलाण जी न बोलि कि चिट्ठी सिरप एक पत्रिका नीं य हमरि जिद्द चा अर हमरि अग्याळ चा गढ़वाळी भाशा साहित्य का प्रति। अपणां सहयोगी अर पाठकों का परताप हि चिट्ठी लगातार छपेणीं अर साल 2017 बिटिन चिट्ठी सम्मान बि देणीं। श्री डुकलाण जीन बोलि कि नै पीढि से हमुतैं भौत आस छन। उम्मीद कर्दा कि नै पीढि अपणा भाषाई सरोकारों अर समाज का प्रति हौरि जिम्मेदारी का दगड़ि अगनै बढलि।
आयोजन अर चिट्ठी पत्री का बावत डाॅ गोविन्द सिंह जीन बोलि कि चिट्ठी-पत्री पत्रिका तैं पैढिकि लगणों कि चिट्ठी परिवारै भौत मेनत करीं। साहित्य कि हर विधा छन यीं चिट्ठी म। चिट्ठी सम्मान पौण वळा श्री केशवान जी का बारम डाॅ सिंह न बोलि कि केषवान जी का साहित्य म सार्वभैमिकता अर मानवीय संवेदनाओं की सिजळि थाति दिखेंद। श्री ललित केशवान की कविताओं म सरोकारों की ललकार अर धाद दिखेंद।
डाॅ बिनोद बछेती न बोलि कि चिट्ठी-पत्री पत्रिका का प्रधान सम्पादक श्री मदन मोहन डुकलाण समाज का हर सरोकारों का दगड़ि खडु रंदन। आपकी प्रेरणा अर बाटु बतौणा को सुफल चा कि नै पीढ़ि भाषाई सरोकारों का प्रति सजग चा। श्री ललित केषवान जी तैं चिट्ठी सम्मान-2021 मिलणु खुद हमरि भाषाओं अर साहित्य विरादरी को सम्मान छ।
कार्यक्रम का अध्यक्ष डाॅ जीतराम भट्ट जीन बोलि कि अमणि चिट्ठी-पत्री लिखणां जमनु बेशक नि हो, हम डिजिटल जमना म चलणां छंवा पण चिट्ठी-पत्री न वीं परम्परा तैं सहेजिकि रख्यों चां अर भाशाई सरोकारों तैं भला कै निभाणी। हमुमदे भौत सारा ल्यख्वार छन जौंन पैल्या पैलि घर गौं म लोगों कि चिट्ठी लेखिकि अपणि लेखनी किशरुवात कै हो। श्री ललित केशवान जी तैं चिट्ठी सम्मानै भौत-भौत बधै छन। केशवान जी भौत मयळु सुभौ मा मनखि छन उतगा हि उच्च कोटि का साहित्यकार छन। वों तैं चिट्ठी सम्मान मिलणों हम सब्यांे का वास्ता भौत खुषि कि बात छा। वोंन चिट्ठी परिवारा सौब कुटमदारि का नौ ल्हेन अर बोलि कि य टीम भौत भलु काम करणी छ। ज्ञातव्य हो कि डाॅ जीतराम भट्ट जी का जतनों को हि सुफल छ कि अमणि दिल्लीम गढ़वाळी, कुमाउनी, जौनसारी अकादमी को गठन ह्वैगे। उत्तराखण्ड लोक भाषा साहित्य मंच अर समाज का विभिन्न संगठनों को सामुहिक प्रयास बि छौ जां से यु कारिज होण म हौरि बि आसानि ह्वै पण डाॅ भट्ट जी को योगदान बिसरे नि सकेंदु।
चिट्ठी सम्मान म अंगवस्त्र, मानपत्र, स्मृति चिन्ह अर सम्मान राषि 11000 रूप्या श्री ललित केशवान जी तैं मंचासीन मैमानों का द्वारा प्रदान करेगेन। ये अवसर परैं श्री ललित केशवान जीन बोलि कि मिन जो बि लेखि वो पाठकोंन पैढि ता मी अगनै लिखणां सांसु मीलि। आप लोग जुगराज रंयान जो अमणि कोरोनाकाल म बि यतगा संख्या म आयोजन तैं सफल बणाणा खातिर जुट्यां। श्री केषवान जीन बोलि कि सम्मान मिलणों मनखि तैं अपणि लेखनी अर सरोकारों का प्रति हौरि सजग अर चितळु कर्दा कि हौरि भलु अर समसामायिक लिखे जौ।
ये अवसर परैं रिखणीखाल का चुराणीं गौं बिटिन अयां युवा साहित्यकार श्री धर्मेन्द्र नेगी जीन मान पैढिकि सुणै अर श्री ललित केशवान परैं अपणि लिखीं कविता गै कि सुणै। चुरेडगौं, चैबट्टाखाळ बिटिन अंया युवा साहित्यकार, गितांग श्री गिरीष सुन्दरियाल जीन बि केशवान जी परैं अपणि लिखीं गेय कविता सुणैै। यों द्वी साहित्यकारों न अपणि रचनाओं परैं श्रोताओं तैं ताळि बजौण परैं मजबूर कैरि देन।
महाकवि कन्हैयालाल डंड़रियाल जी को अप्रकाशित साहित्य तैं छपणां जिम्मेदारि निभौण वळा चुरेडगौं, चैबट्टाखाळ बिटिन अंयायुवा साहित्यकार श्री आषीश्श सुन्दरियाल जीन बि श्री केशवान जी कि रचना पाठ कैरि अर कौटद्वार बिटिन अंया युवा साहित्यकार जौंाको बाल साहित्य परैं भलु काम चा श्री यतीन्द्र गौड़ जीन बि श्री ललित केशवान जी की रचनाओं को पाठ कैरि।
समारोह का संचालन कर्दा श्री दिनेश ध्यानी ल बोलि कि चिट्ठी-पत्री कि यी जात्रा म भौत सारा नै छ्वाळि का ल्यख्वारों तैं अगनै बढणां सांसु मीलि अर अमणि बि ने पीढ़ि चिट्ठी-पत्री से भौत कुछ सीखलि। चिट्ठी-पत्री का प्रधान सम्पादक श्री मदन मोहन डुकलाण अर युवा साहित्यकार श्री गिरीश सुन्दरियाल का सम्पादकत्व म हाल ही म गढ़वाळी कहानी की सौ साल कि जात्रा परैं हुंगरा कहानि संग्रै अर सौ साल की कविता जात्रा परैं अंग्वाळ कवित संग्रै प्रकाशित हुयां छन जौं म विगत सौ साल बिटिन यों विधाओं म ल्यखण वळों से ल्हेकि आजै नै पीढ़ि को भी प्रतिनिधित्व चा। यी द्वी ग्रंथ औण वळा समय म हमरू साहित्य परैंशोध कन वलों खुणि सौ साल कि कहानि अर कविताओं को संकलन एक दगड़ि मिलण से शोध कार्य म आसानि होलि।
चिट्ठी-पत्री का प्रधान सम्पादक अर जौं का प्रयासों से यो कारिज उरये गे श्री मदन मोहन डुकलाण जीन सब्बि मैमानों को अर आयोजन म अयां सब्बि लोगों को आभार व्यक्त कैरि अर बोलि कि चिट्ठी को दिल्ली म यो पैलु आयोजन छ अर हम तैं विश्वास छ कि अगनै बि आप लोगों को दगडु यन्नि मिलणों रालु। चिट्ठी का प्रकाशन यतगा आसान नी पण हम यीं जात्रा तैं बढाणां कोषिष कनां छंवा अर समाज अर पाठकों को दगडु राल ता चिट्ठी हमेशा आप लोगों तैं मिलणीं रालि। श्री डुकलाण जी न बोलि कि डीपीएमआई संस्थान का चेयरमैन डाॅ बिनोद बछेती जी अर वों को पूरू स्टाफ जौंन ये अवसर परैं ये कारिज तैं सुफल करण म अपणि योगदान देन सौबों को धन्यावाद अर आभारी छ चिट्ठी परिवार। अगनै बि यन्नि साहित्यिक अयाोजन होणां राला अर हम लोग ये कोरोना काल से भैर औंला यनि कामना छा। श्री ललित केशवान जी तैं चिट्ठी सम्मान २०२१ का वास्ता भौत – भौत बधाई छन। आप तैं सम्मान मिलणु स्वयं चिट्ठी-[पत्री को सम्मान चा।
ये अवसर परैं समाजा प्रमुख लोग अर साहित्यकार बिरादरी, पत्रकार, रंगकर्मी उपस्थित छया। जौं म साहित्यकार सर्वश्री रमेश चन्द्र घिल्डियाल, श्रीगिरीश चन्द्र मैठाणी, श्री जयपाल सिंह रावत, डाॅ पवन कुमार मैठाणी, डाॅ सतीश कालेष्वरी, श्रीराकेश गौड़, श्री अजय सिंह बिष्ट , श्री जगमोहन सिंह रावत, श्री चारू तिवारी, श्रीब्योमेश जुगराण, श्री अनिल पन्त, श्री मोहन सिंह रावत, श्री जबर सिंह कैंतुरा, श्री दीनदयाल बन्दूणी, श्री भगवती प्रसाद जुयाल, श्री रमेश हितैषी , श्री वीरेन्द्र जुयाल उपरि, श्री गोविन्दराम पोखरियाल साथी, श्री संजय नौडियाल, श्री अनूप नेगी खुदेड, श्री अनूप सिंह रावत, श्री पंकजकेशवान, श्री राकेश धस्माणा, श्री वीरेन्द्र पोखरियाल, श्री दयाल नेगी, श्री राकेश नेगी, श्री एस के शर्मा , प्रमुख समाजसेवी श्री अनिल पंत , श्री हरीश असवाल, श्री गंभीर सिंह नेगी, सुश्री पूनम जी, नीलम जी, जानकी जोशी जी, काजल जोशी गीता शर्मा जी, माया पोखरियाल जी, श्री तारादत्त शर्मा , श्री मोतीशाह , श्री मुरलीधर ढौंडियाल, श्री रज्जू बिष्ट ,समेत श्री ललित केशवान जी का परिवारा काफी सदस्यों समेत समाजा कै प्रमुख लोग उपस्थित छया।

Amit Amoli

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