गणित विषय को रोचक बनाने की जरूरतः कंचन देवराड़ी
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। गणित को लेकर छात्र/छात्राओं के मन के डर को उसे रोचक बनाकर दूर किया जा सकता है। शिक्षकों की ये जिम्मेदारी है कि इसे रोचक और सरल तरीके ईजाद करें।
ये कहना है एससीईआरटी की संयुक्त निदेषक कंचन देवराड़ी का। संयुक्त निदेशक देवराड़ी बुधवार को गणित विषय के राज्य संदर्भ समूह की कार्यशाला के शुभारंभ के मौके पर बोल रही थी। उन्होंने कहा कि गणित विषय की छवि एक कठिन विषय के रूप में है। राज्य संदर्भ समूह से जुड़े गणित विषय के विशेषज्ञ शिक्षकों का प्रयास होना चाहिए की गणित शिक्षण को सरल और रोचक बनाने की दिशा में सार्थक कार्य हो सके।
शिक्षकों के लिए भी यह चुनौती है कि गणित को कक्षा कक्ष में किस तरह से प्रस्तुत किया जाए, कि बच्चों का गणितीयकरण हो सके। कार्यशाला के प्रथम सत्र में कार्यशाला समन्वयक तथा प्रवक्ता एससीईआरटी डॉ मनोज कुमार शुक्ला ने गणित विषय की प्रकृति तथा राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में उत्तराखंड की गणित विषय के क्षेत्र में प्रदर्शन पर चर्चा करते हुए बताया कि एनसीएफ-2005 से लेकर एनईपी 2020 भी बच्चों के गणितीयकरण करने पर जोर देती है।
प्रथम दिवस के दूसरे और तीसरे संस्थाओं में अंतर फाउंडेशन जयपुर राजस्थान से आए गणित विशेषज्ञ रविकांत के द्वारा गणित कक्षा की विशेषताओं तथा गणित के कक्षा में शिक्षक की भूमिका विषय पर विस्तृत परिचर्चा कराते हुए प्रस्तुतीकरण दिया गया। आज के अंतिम सत्र में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान टिहरी तथा अल्मोड़ा से आए विशेषज्ञों द्वारा वर्ष भर की आख्या प्रस्तुत की गई तथा उनके जनपदों में गणित के जिला संदर्भ समूह द्वारा किए गए कार्यों का प्रस्तुतीकरण किया गया।
प्रथम दिवस के सत्रावसान पर अपने संबोधन में सहायक निदेशक एससीईआरटी मुकेश चंद्र सेमवाल द्वारा जिला संदर्भ समूहों द्वारा द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की तथा विश्वास जताया की कार्यशाला में आगामी शिक्षा सत्र के लिए जनपद स्तरीय कार्ययोजनाओं का निर्माण करते समय सभी विशेषज्ञ आज की परिचर्चा में सामने आई बातों का ध्यान रखेंगे।
इस अवसर पर एससीईआरटी से भुवनेश प्रसाद पंत,आशा नकोटी रमोला, प्रिया गुसाईं तथा उत्तराखंड के सभी जनपदों से आए गणित विषय के विषय विशेषज्ञ डॉ विनोद यादव, मनोज पाठक,प्रदीप बहुगुणा, संदीप कुकरेती, मीनाक्षी त्यागी, नरेश कुमाई, प्रदीप चंद सती, गोपाल कपूरवाण,संदीप कुमार, राम आसरे चौहान आदि उपस्थित थे।