मुनिकीरेती में दो दिवसीय पांडव नृत्य/गैंडा कौथिग एवं बूढ़ देवा का शुभारंभ

तीर्थ चेतना न्यूज
मुनिकीरेती। गढ़भूमि लोक संस्कृति संरक्षण समिति के बैनर तले दो दिवसीय पांडव नृत्य/गैंडा कौथिग एवं बूढ़ देवा का शुभारंभ हो गया। लोक संस्कृति और परंपरा की इन धरोहरों को कलाकारों ने मंच पर शानदार तरीके से उकेरा।
बुधवार को चंद्रभागा नया मोटर पुल स्थित रामलीला मैदान में महामंडलेश्वर स्वामी संतोषा नन्द महाराज , ब्रह्मचारी केशव स्वरूप , महन्त मनोज प्रपन्नाचार्य, सुरकण्डा देव डोली के उपासक अजय बिजल्वाण एवं नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष नीलम बिजल्वाण ने दीप दीप प्रज्जवलित कर प्रथम दिवस के कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम की शुरूआत गढ़भूमि लोक संस्कृति वैष्णव मांगल समिति की मांगल प्रस्तुतियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। इसके बाद विद्याधर श्री कला शैलनट के बैनर तले बुढ़ देवा याने पुरातन ऋषि नारद देव नृत्य का भव्य मंचन किया गया। इसके माध्यम से मौजूदा दौर को रेखांकित करते हुए पुरातन सँस्कृति, सभ्यता के साथ अध्यात्म को जीवंत बनाने का संदेश दिया गया।
प्रख्यात रंगकर्मी डॉ. ड़ीआर पुरोहित द्वारा लिखित उत्तराखण्ड की पौराणिक विद्याओं का नाट्य नृत्य एवं गायन के कलाकारों ने जोरदार ढंग से प्रस्तुति दी। कवि जयकृष्ण पैन्यूली ने इसका संचालन किया।
इस अवसर पर समिति ने सभी अथितयो को पुष्प गुच्छ , शाल ओर स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।समिति के अध्यक्ष आशाराम व्यास ने सभी का आभार व्यक्त कर अपनी सँस्कृति को आगे बढ़ाने और भविष्य को सीखने के लिये इस प्रकार के मंचन को किये जाने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर गढ़वाल के हास्य कलाकार संदीप ने अपनी कला का जादू बिखेर कर जबरदस्त वाहवाही लूटी। उन्होंने मौजूदा दौर पर खूब कटाक्ष करते संस्कृति के संरक्षण पर जोर दिया। कार्यक्रम में लोकल कलाकार रमेश उनियाल ने माँ जगत जननी का जागर की शानदार प्रस्तुति की।
श्रीनगर से आये कलाकारों ने बुढ़ देवा पौराणिक देव नृत्य को वर्तमान समय मे आ रही विकृति ओर उत्तराखण्ड के सम्मान को चोटिल करने वाली तम्माम विकृतियों को इस विद्या से जोड़ते हुये जबरदस्त प्रहार कर जनता को सोचने के लिये मजबूर कर दिया।साथ ही उत्तराखण्ड कैसे सवरेंगा उसको भी बेहत्तर ढंग से समझने का मंत्र दिया साथ ही अपनी पौराणिक नारद लीला जिसको ज्योतिर्मठ में बुढ़ देवा के रूप में पुकारते है।
कार्यक्रम का संचालन डा. सुनील दत्त थपलियाल और रामकृष्ण पोखरियाल ने किया।इस अवसर पर समिति के तमाम सदस्य गजेंद्र कण्डियाल, विशालमणी पैन्यूली, धनीराम बिंजोला, रमाबल्लभ भट्ट, महिपाल बिष्ट, सुरेन्द्र सिंह भंडारी ,घनश्याम नौटियाल आदि उपस्थित रहे।