छप छपि काव्य संग्रह का विमोचन
साहित्य के माध्यम से लोक संस्कृति के संरक्षण के हों प्रयासः अनिता ममगाईं
तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। प्रवासी नवोदित साहित्यकारों की रचनाओं के संकलन छप छपि काव्य संग्रह का भव्य समारोह में विमोचन किया गया। इस मौके पर साहित्य के माध्यम से लोक संस्कृति के संरक्षण पर जोर दिया गया।
रविवार को श्यामपुर तुलसी विहार में बुराँश गढ़ देश साहित्य संस्था के बैनर तले उत्तराखंड एवं पहाड़ी प्रवासी नवोदित साहित्यकारों की रचनाओं के संकलन छप छपि काव्य संग्रह का विमोचन किया गया।
ऋषिकेश नि. मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं ने बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने साहित्य के माध्यम से लोक संस्कृति के संरक्षण और संवर्द्धन पर जोर दिया।
श्रीमती ममगाईं ने संस्था के सभी पदाधिकारी को शुभकामनाएं देते हुए गढ़वाली बोली भाषा में छपी पुस्तक की सराहना की। कहा कि अपनी बोली भाषा संस्कृति सभ्यता को बचाने के लिए इस प्रकार के प्रयास बहुत ही सराहनीय हैं हम सभी को प्रयास करना होगा कि अपनी बोली भाषा में को बढ़ावा दें।
अपनी संस्कृति को बचाएं अपने संबोधन में निवर्तमान महापौर अनीता ममगाईं ने कहा कि जनसंख्या के आधार पर हो रहे विधानसभा परिसीमन के लिए समस्त उत्तराखंड वासियों को एकजुट होकर अपनी आवाज उठानी चाहिए कि पहाड़ों की भौगोलिक स्थिति के अनुरूप क्षेत्रफल के आधार पर पहाड़ों में विधानसभा का परिसीमन किया जाए अन्यथा जनप्रतिनिधित्व घटने के कारण क्षेत्र का विकास प्रभावित होगा और वहां पहाड़ों से निरंतर पलायन होता रहेगा।
पदम् श्री माधुरी बड़थ्वाल ने कहा कि नवोदित साहित्यकारों को एक मंच पर लाने का जो प्रयास बुराँश गढ़ देश साहित्यिक संस्कृति संस्था ने किया है,वह सम्मान योग्य है।संस्कृति के संरक्षण के लिए युवा पीढ़ी को आगे आना होगा।पद्मश्री बड़थ्वाल ने अपने स्वरचित छन्दों से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया।डॉ विनोद प्रसाद विप्र ने कहा कि प्रकृति और संस्कृति बचेगी तो हमारा समाज बचेगा।
यायाधीश राजेश व्यास ने कहा कि मातृ शक्ति ही संस्कृति के संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देकर इसे आगे बढ़ा सकती है।इस अवसर पर गढ़वाल और कुमाऊँ मण्डल सहित दूर दराज से आये हुए प्रवासी साहित्यकारों ने अपनी रचनाएं सुनाई।
कार्यक्रम के संयोजक आचार्य गुरु मणि नौटियाल ने सभी का आभार जताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मश्री माधुरी बड़थ्वाल एवं संचालन नंदन राणा नवल ने किया। कार्यक्रम में अनिता जोशी,अंजना कंडवाल, डॉ ममता जोशी,संगीता बहुगुणा,डॉ भगत सिंह हिमाद,बेली राम कंसवाल, सुभाष सेमल्टी,सायनी उनियाल शिव दयाल रतूड़ी,देवेंद्र जोशी,दक्ष पांडे प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।