सनातन धर्म और संस्कृति का पुनर्जागरण विषय पर साहित्यिक गोष्ठी

सनातन धर्म और संस्कृति का पुनर्जागरण विषय पर साहित्यिक गोष्ठी
Spread the love

अखिल भारतीय साहित्य परिषद देहरादून

तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। अखिल भारतीय साहित्य परिषद की देहरादून इकाई के बैनर तले सनातन धर्म और संस्कृति का पुनर्जागरण विषय पर आयोजित ऑनलाइन साहित्यिक गोष्ठी में मौजूदा दौर के विभिन्न अववयों पर चर्चा की गई।

बुधवार को आयोजित गोष्ठी में सरदार अवतार सिंह चावला मुख्य अतिळिा और नरेश गुप्ता नाज विशिष्ठ अतिथि और प्रमोद भारतीय बतौर मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। मां शारदे को नमन करते हुए ’ सुमन तिवारी जी’ के द्वारा ’दीप प्रज्वलित’ एवं क्षमा कौशिक के द्वारा ’सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। श्रीमती सुमन तिवारी ने ’परिषदीय गीत’ प्रस्तुत किया।

अखिल भारतीय साहित्य परिषद की देहरादून इकाई की अध्यक्ष श्रीमती सुमन तिवारी के द्वारा ’मुख्य अतिथि सरदार अवतार सिंह चावला, ’विशिष्ट अतिथि नरेश गुप्ता नाज़ और मुख्य वक्ता प्रमोद भारतीय एवं प्रांतीय अध्यक्ष डॉ सुनील पाठक का परिचय कराया।

परिषद की नगर मंत्री. रवजीत कौर ने मंच संचालन करते हुए ’सनातन संस्कृति एवं महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत’ से साहित्य यात्रा का प्रारंभ किया गया। श्रीमती रेखा खत्री जी’ (युगों युगों तक बारंबार,,,), ’डॉ.वन्दना खण्डूरी’ (जागो हे वंशज ऋषियों के,,,), ’श्रीमती देवेश्वरी खंडूरी जी’ ( जागो भारत के सपूतों,,,) के द्वारा साहित्यिक विचार एवं काव्यात्मक प्रस्तुति प्रस्तुत की गई।

’मुख्य वक्ता प्रमोद भारती जी’ के द्वारा सिंधु नदी के किनारे जो सभ्यता बनी वही हमारी सभ्यता है,,, सनातन का अर्थ शाश्वत है ’,,,,सर्वे भवंतु सुखिना , वसुदेव कुटुंबकम’ आदि वक्तव्य द्वारा विस्तृत वर्णन किया गया। ’विशिष्ट अतिथि आ. नरेश गुप्ता नाज़ जी’ के द्वारा आज बांग्लादेश में सुन हिंदू के पीर,,, भावों को पिरोकर बनाई गई इस सुंदर कविता का वाचन किया गया, साथ ही कब से जगा रहा है तुम्हें नाज़ , मेरा तुमसे एक गीत का वादा है लेकिन इसमें बस थोड़ी सी बाधा है,,, कविता के माध्यम से मंच को उत्साहित किया गया।

’मुख्य अतिथि सरदार अवतार सिंह चावला जी’ के द्वारा सनातन संस्कृति पर विचार प्रस्तुत किये गये साथ ही चार साहिब जादे पर सुंदर शबद गायन प्रस्तुत किया गया। डॉ सुनील पाठक जी’ के द्वारा विषय सनातन धर्म और संस्कृति का पुनर्जागरण पर विस्तृत एवं ज्ञानवर्धक जानकारी प्रस्तुत की गई।

क्षमा कौशिक के द्वारा तेरी उतारू में आरती, हे भारती- है भारती,,, ’आ.शोभा वर्मा जी’ के द्वारा सत्य धर्म सनातन की गाथा , ’आ.हेमा जी’ के द्वारा चार युगों का वर्णन जिसमें , ’आ. गोपाल जी’ के द्वारा सनातन संस्कृति पर सुंदर काव्य पाठ के साथ साथ विचारों की प्रस्तुति की गई, तथा ’आ.सुधान सिंह कैन्तुरा जी ,’ जो कि इस ’कार्यक्रम के संयोजक है,’ के द्वारा- बहुत लंबे समय तक साथ रहेंगे कविता का वीर रस भाव से ओत-प्रोत काव्य पाठ किया गया।

अंत में ’इकाई की अध्यक्षा श्रीमती सुमन तिवारी जी’ के द्वारा सभी साहित्यिक प्रेमियों का अभिवादन एवं धन्यवाद प्रस्तुत किया गया।

Tirth Chetna

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *