प्रदेश सरकार की उपेक्षा से तीर्थनगरी का कम्बाइंड हॉस्पिटल मर्ज बढ़ते-बढ़ते कोमा में पहुंच गया है।
उल्लेखनीय है कि चारधाम यात्रा के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों के लिए अतिमहत्वपूर्ण ऋषिकेश हॉस्पिटल की व्यवस्थाएं पटरी से उतर गई हैं। सरकार ने यहां तैनात नौ डाक्टरों का एक साथ तबादला कर रही सही कसर पूरी करके रख दी है।
कांग्रेस पार्टी इसके विरोध में विधानसभा अध्यक्ष एवं क्षेत्रीय विधायक प्रेमचंद अग्रवाल के आवास पर धरना भी दे चुकी है। बावजूद हालात बदलते नहीं दिख रहे हैं। इसको लेकर रविवार को आयोजित सर्वदलीय बैठक में लोगों ने हॉस्पिटल की दुर्दशा के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
सभी ने एक स्वर में कहा कि हॉस्पिटल बीमारी से अब कोमा में चला गया है। इसके अस्तित्व के लिए लोगों को आगे आना पड़ेगा। भाजपा से जुड़े नेताओं ने इस पर सफाई दी। कहा कि इस दिशा में काम हो रहा है। जल्द ही हॉस्पिटल की समस्याओं का निदान होगा।
इस मौके पर अन्य वक्ताओं ने कहा कि हॉस्पिटल ही नहीं शहर और क्षेत्र की तमाम अन्य समस्याओं के निदान के लिए लोगों को राजनीति से उपर उठकर एकजुट होना पड़ेगा। ताकि सक्षम मंचों पर शहर की समस्याएं एक स्वर में उठ सकें।
इस मौके पर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष जयेंद्र रमोला, नगर पालिका के अध्यक्ष दीप शर्मा, पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र शर्मा, पूर्व राज्यमंत्री संदीप गुप्ता, ज्योति सजवाण, शिव मोहन मिश्रा, चेतन शर्मा, अरविंद जैन, मधु जौषी, विमला रावत, अभिनव मलिक, राजपाल ठाकुर, संजय शर्मा, अशोक ग्रोवर, आशीष रतूड़ी आदि मौजूद थे।