प्रेमचंद की कैबिनेट से हो बर्खास्तगी और अंकिता हत्या मामले में वीआईपी का नाम उजागर हो

प्रेमचंद की कैबिनेट से हो बर्खास्तगी और अंकिता हत्या मामले में वीआईपी का नाम उजागर हो
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दो सूत्री मांगों को लेकर युवा न्याय संघर्ष समिति का अनिश्चिकालीन धरना शुरू

तीर्थ चेतना न्यूज

ऋषिकेश। उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी की हत्या की वजह बने वीआईपी का नाम उजागर करने और विधानसभा में नौकरियों की बंदरबांट करने वाले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल को कैबिनेट से बर्खास्तगी की दो सूत्री मांगों को लेकर युवा न्याय संघर्ष समिति का अनिश्चितकालीन धरने की शुरुआत हो गई।

गुरूवार को हुई शुरूआत में विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने इसमें शिरकत की। जनगीत के साथ शुरू हुए अनिश्चितकालीन धरने में लोगों ने एक स्वर में कहा कि अंकिता हत्याकांड में छुपे वीआईपी के नाम को उजागर करने व विधानसभा बैकडोर भर्ती में दोषी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल को मंत्री पद से बर्खास्त कर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल सहित अन्य दोषियों पर जॉंच कर क़ानूनी कार्रवाई की माँग को लेकर धरना देकर अपना रोष प्रकट किया । कार्यक्रम की शुरुआत और समापन जनगीत के साथ किया गया ।

धरने पर पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने धरने अपना समर्थन देते हुऐ कहा कि आज पूरे प्रदेश में क़ानून व्यवस्था बहुत बुरी तरह से ख़राब हो चुकी है अंकिता के पिता को न्याय माँगने के लिये दर दर की ठोकरें खानी पड़ी परन्तु सरकार पाँच दिनों तक मूक दर्शक बनी रही और आज भी सरकार हत्याकांड में शामिल आरएसएस से जुड़े नेता के परिवार के लोगों को बचाने का काम कर रही है वीआईपी के नामों उजागर करने में कोई कार्यवाही नहीं कर रही है और ऐसी घटनाओं से पूरा प्रदेश पीड़ित है चाहे वह उत्तरकाशी की घटना हो या कुमाऊँ के जगदीश की मौत की घटना हो सभी फेल क़ानून व्यवस्था के कारण घटित हुई दूसरी ओर सरकार ने जब विधानसभा भर्तियों को निरस्त कर दिया तो भर्ती देने वाले को अभी तक क्यों मंत्री मण्डल में बना रखा है कहीं ना कहीं ये सरकार का दोहरा चरित्र है सरकार को तत्काल प्रभाव से प्रेमचंद अग्रवाल को बर्खास्त करना चाहिये ।

महिला नेत्री प्रमिला रावत व कुसुम जोशी ने कहा कि हम लगातार पहले दिन से ही अंकिता हत्याकांड में दोषियों पर कार्यवाही की माँग कर रहे हैं परन्तु सरकार ने चुप्पी साध रखी है ये सरकार भ्रष्टाचार में पूरी तरह डूबी हैं इसलिये प्रदेश में ये हाल है ।

कम्युनिस्ट पार्टी के इंद्रेश मैखुरी व यूकेडी के नेता मोहन सिंह असवाल ने कहा कि हमें अंकिता के साथ साथ हर उस युवा के न्याय की लड़ाई लड़नी चाहिये जिनके साथ इस सरकार में अन्याय हो रहा है आज पूरे प्रदेश में एक के बाद एक आपराधिक घटनायें हो रही हैं परन्तु कोई सुध लेने वाला नहीं गाँव में होने वाले अपराधों पर पुलिस राजस्व पुलिस का मामला कह कर पल्ला झाड़ने का काम करती है ।इस आंदोलन को हमें दबने नहीं देना है हमें अब सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन करने होंगे ।

कार्यक्रम का संचालन संयोजक दीपक जाटव व मीडिया प्रभारी संजय सिल्सवाल ने संयुक्त रूप से किया । कार्यक्रम में कांग्रेस नेता जयेन्द्र रमोला, स्वराज सेवा दल के रमेश जोशी, कुसुम जोशी, उषा चौहान, वेद प्रकाश शर्मा सहित कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे ।

धरने में संयोजक अरविन्द हटवाल, सुरेन्द्र नेगी, ग्राम प्रधान विजयपाल जोठुडी, हिमांशु रावत, उप प्रधान रोहित नेगी,विजय पाल रावत,पार्षद राकेश सिंह, पार्षद देवेंद्र प्रजापति,जितेंद्र पाल पाठी,गौरव राणा, पार्षद जगत सिंह नेगी, पार्षद राधा रमोला, पार्षद शकुंतला शर्मा,पार्षद मधु मिश्रा, दिनेश उत्तराखंडी,योगेश पाल,पूर्व प्रधान कमला शर्मा,के.एस राणा, गौरव कुमार राणा, सन्नी प्रजापति,प्रवीण जाटव, सुमित त्यागी, जतिन जाटव,सरोज़नी ठपलियाल,जगदम्बा प्रसाद रतूड़ी,मोहन सिंह असवाल,रविंद्र राणा,देवेश्वर प्रशाद रतूड़ी,हरेंद्र सिंह रावत,अभय वर्मा,उषा चौहान,लक्ष्मी कैथैत,गुड्डी डबराल,सावित्री देवी,सौरव वर्मा, इमरान सैफी, धर्मेंद्र गुलियाल,बलवीर सिंह रावत,बी.डी पाण्डेय,दिनेश पोखरियाल,नीरज शर्मा,मनोज रावत,कैलाश सेमवाल,मनीष व्यास,राजेंद्र ग़ैरोला,विक्रम भंडारी,अजय रमोला,दीपा चमोली,राजेंद्र कोठारी,विजय सिंह राणा,रघुवीर सिंह गुनसोला,राजेश शाह,चंदन सिंह पँवार,विना बहगुणा,गम्भीर सिंह गुलियाल,प्रकाश डोभाल,चंद्रा रावत,सुमन गावड़ी, अंशुल त्यागी, विद्यावती देवी, गौरव यादव, यश अरोड़ा, पंकज गुप्ता, मनोज रावत, प्रॉपर्टी एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय गर्ग, धर्मानंद लखेडा, कांता कण्डवाल, हरेन्द्र भण्डारी, शशि शेखर, नीरज शर्मा, योगेश पाल, नीरज चौहान, शेर सिंह रावत, लल्लन राजभर, पूर्व प्रधान सतीश रावत, मनीष व्यास, गोकुल रमोला, हरभजन चौहान, तेजपाल कलूडा, राकेश कंडियाल, रवि राणा, संजय चौरसिया, देवी प्रसाद व्यास, सोहन सिंह रौतेला, विनय चौहान, धर्मेन्द्र गुलियाल, गम्भीर गुलियाल, हरि सिंह भण्डारी, अमित पाल, जयपाल बिट्टू, आदि भारी संख्या में सामाजिक व राजनीति लोग शामिल हुए ।

Tirth Chetna

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