तीर्थनगरी ऋषिकेश में तेजी से बढ़ रहा अपराध
लोगों के रिएक्ट न करने से अभी अपराध की स्पष्टता कम
तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। तीर्थनगरी ऋषिकेश में अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। विभिन्न तरह से हो रहे अपराधों में स्थानीय लोगों के विरोध न करने से अपराध अभी विजिवल नहीं है।
तीर्थनगरी ऋषिकेश में अपराध सिर्फ शराब और अन्य प्रकार के नशे तक ही सीमित नहीं है। अपराधों की तीव्रता को बढ़ाने में नशे का रोल जरूर है। शराब की अदया पव्वा की बरामदगी और नशे की पुड़िया की जब्ती की कार्रवाई और मुकदमा दर्ज करने से इस पर खास असर नहीं दिख रहा है।
एक्शन से पुलिस के अभिलेख भर रहे हैं। मगर, शराब का अवैध करोबार कम होने का नाम नहीं ले रहा है। कभी कभार इसे सोशल स्टीगमा ठहराने की कोशिश होती है। मगर, ये सोशल स्टीगमा नहीं है। ये विशुद्ध रूप से धंधा है। ये कैसे फल फूल रहा है बताने की जरूरत नहीं है।
तीर्थनगरी ऋषिकेश में अपराध अन्य तरह से भी पांव पसार रहा है। तमाम ऐसे काम धंधों ने आकार लेना शुरू कर दिया है जिसकी लाभ-हानि का परिणाम अपराध के रूप में देखने को मिलता है। स्थानीय लोगों के स्तर पर विरोध न होने की वजह से अपराध अभी विजिवल नहीं है।
ब्याजखोरी का अवैध धंधा भी तीर्थनगरी ऋषिकेश में जमकर चल रहा है। कई परिवार उधारी की रकम पर ब्याज भरते-भरते बरबाद हो रहे हैं। जमीनों पर कब्जे और पर्यटन के नाम पर दूसरे खेल भी खूब चल रहे हैं।
ये सब बात पब्लिक को अच्छे से पता हैं। विरोध न होने से धंधे बाजों का धंधा चल कुछ लोगों को पूजकर कुछ को चढ़ाकर खूब चल रहा है। ये धंधे आगे चलकर बड़े अपराध के रूप में सामने आते हैं। वास्तव में अपराधों की शुरूआत यहीं से होती है।
उक्त धंधों से जनित अपराध अभी विजिवल नहीं हैं। कारण स्थानीय लोग जानकारी के बावजूद इसका विरोध नहीं करते। इस पर समाज के स्तर से गौर किया जाना चाहिए। नहीं तो जिम्मेदार सिस्टम तो ऑल इज वेल गुनगुना ही रहा है।